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28/3/22

Chief Minister did the distribution of departments know which department was allotted to which minister मुख्यमंत्री ने किया विभागों का बंटवारा जानें कौन सा विभाग किस मंत्री को आवंटित

शपथ ग्रहण के बाद सभी मंत्रियों को इंतजार रहता है विभाग मिलने का आज वह इंतजार खत्म हुआ और उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल जी ने प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से मंत्रणा के पश्चात उप मुख्यमंत्रियों में कैबिनेट मंत्रियों में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार एवं राज्य मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया ।


लोकतंत्र के महापर्व चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं चुनाव के पश्चात सरकार द्वारा चुने गए मंत्री गण अपने मंत्री पद की शपथ लेते हैं तत्पश्चात बारी आती है विभागों के बंटवारे की प्रोटोकॉल के तहत मुख्यमंत्री जी राज्यपाल से विचार विमर्श करने के पश्चात अपने मंत्रियों को विभागों का बंटवारा करते हैं इसी क्रम में आज समस्त कैबिनेट मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया गया।


आइए सबसे पहले बात करते हैं कैबिनेट स्तर के मंत्रियों के बारे में कि उन्हें कौन कौन से विभाग में मिले।


इस लेख में हम यही बताने का प्रयास करेंगे कि कैबिनेट स्तर के मंत्रियों को कौन से महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं और पूर्व में आवंटित कौन से विभाग उनसे वापस ले लिए लिए गए माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने पास कौन कौन से विभाग रखे हैं।

Chief Minister did the distribution of departments know which department was allotted to which minister मुख्यमंत्री ने किया विभागों का बंटवारा, जानें कौन सा विभाग किस मंत्री को आवंटित

सर्वप्रथम बात करते हैं माननीय मुख्यमंत्री जी की


(श्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश)

उन्होंने अपने पास 34 विभाग रखे हैं, जिनके नाम क्रम से इस प्रकार है

1.नागरिक उड्डयन 

2.न्याय विभाग

3.प्रांतीय रक्षक दल

4. सैनिक कल्याण 

5.प्रोटोकॉल

6.किराया नियंत्रण 

7.लोक सेवा प्रबंधन 

8.अभाव सहायता एवं पुनर्वास 

9.विधायी विभाग 

10.भाषा  

11.अवस्थापना  

12.कार्यक्रम कार्यान्वयन 

13.प्रशासनिक सुधार 

14.उत्तर प्रदेश पुनर्गठन समन्वय 

15.राज्य संपत्ति विभाग   

16.नियोजन विभाग 

17.संस्थागत वित्त  

18.निर्वाचन 

19.सूचना 

20.गोपन 

21.सचिवालय प्रशासन 

22.सामान्य प्रशासन 

23.राज्य कर एवं निबंधन 

24.अर्थ एवं संख्या 

25.भूतत्व एवं खनिकर्म 

26.खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन

27.नागरिक आपूर्ति

28.खाद एवं रसद विभाग

29.राजस्व

30.आवास एवं शहरी नियोजन  

31.सतर्कता

32.गृह विभाग 

33.कार्मिक

34.नियुक्ति

ये सभी विभाग माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने पास रखें है जिन की समीक्षा वह स्वयं करेंगे


श्री केशव प्रसाद मौर्य (उपमुख्यमंत्री)

1.ग्राम विकास एवं समग्र ग्राम विकास 

2.ग्रामीण अभियंत्रण

3.खाद्य प्रसंस्करण 

4.मनोरंजन कर विभाग

5.सार्वजनिक उद्यम 

6.राष्ट्रीय एकीकरण


श्री बृजेश पाठक (उपमुख्यमंत्री)

1.चिकित्सा शिक्षा 

2.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण 

3.मातृ एवं शिशु कल्याण



(श्री सुरेश कुमार खन्ना)

1.वित्त

2.संसदीय कार्य



(श्री सूर्य प्रताप शाही)

1.कृषि

2.कृषि शिक्षा

3.कृषि अनुसंधान



(श्री स्वतंत्र देव सिंह)

1.जल शक्ति 

2.नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति

3.सिंचाई एवं जल संसाधन

4.सिचाई यांत्रिक

5.लघु सिंचाई

6.परती भूमि विकास

7.बाढ़ नियंत्रण


(श्रीमती बेबी रानी मौर्य)

1.महिला कल्याण

2.बाल विकास एवं पुष्टाहार



(श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी)

1.गन्ना विकास

2.चीनी मिलें



(श्री जयवीर सिंह)

1.पर्यटन 

2.संस्कृति



(श्री धर्म पाल सिंह)

1.पशुधन

2.दुग्ध विकास

3.राजनीतिक पेंशन

4.अल्पसंख्यक कल्याण

5.मुस्लिम वक्फ बोर्ड

6.नागरिक सुरक्षा



(श्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी)

1.औद्योगिक विकास

2. निर्यात प्रोत्साहन

3. एन.आर.आई

4. निवेश प्रोत्साहन



(श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी)

1.पंचायती राज विभाग


(श्री अनिल राजभर)

1.श्रम

2.सेवायोजन

3.समन्वय


(श्री जितिन प्रसाद)

1.लोक निर्माण विभाग

(श्री राकेश सचान)

1.सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम

2.रेशम उद्योग

3.खाद ग्राम उद्योग

4.हथकरघा

5.वस्त्र उद्योग


(श्री ए के शर्मा)

1.नगर विकास

2.शहरी समग्र विकास

3.नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन

4.ऊर्जा विभाग

5.अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत

(श्री योगेंद्र उपाध्याय)

1.उच्च शिक्षा

2.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

3.इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी


(श्री आशीष पटेल)

1.प्राविधिक शिक्षा

2.उपभोक्ता संरक्षण एवं  बाट माप


(श्री संजय निषाद)

1.मत्स्य





































26/3/22

Around 10 percent women will participate in the UP cabinet इस बार 5 महिलाओं को मिली जिम्मेदारी जिनमें बेबीरानी मौर्या विजय लक्ष्मी गौतम रजनी तिवारी प्रतिभा शुक्ला तथा गुलाब देवी का नाम है

इस बार 5 महिलाओं को मिली जिम्मेदारी

जिनमें

बेबीरानी मौर्या

विजय लक्ष्मी गौतम

रजनी तिवारी

प्रतिभा शुक्ला

तथा 

गुलाब देवी का नाम है।


उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का शपथ ग्रहण कल दिनांकः 25.03.2022 दिन शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। और मुख्यमंत्री के साथ ही इस बार कई मंत्रियों ने अपने पद एवं गोपनियता की शपथ भी ले ली।

Around 10 percent women will participate in the UP cabinet इस बार 5 महिलाओं को मिली जिम्मेदारी  जिनमें  बेबीरानी मौर्या  विजय लक्ष्मी गौतम  रजनी तिवारी  प्रतिभा शुक्ला  तथा   गुलाब देवी का नाम है


आपको बता दे, इस बार पांच राज्यों के विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 4 राज्यों यथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर तथा गोवा में बहुमत हासिल किया था। इन 4 राज्यों में से सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शेष था, जिसे ऐतिहासिक बनाते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ के इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।


इस बार मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपनी कैबिनेट में कई नये चेहरों को जगह दी है, साथ ही कई पुराने चेहरों को इस बार मौका नही दिया गया है।


पहले बात करते हैं कि किन पुराने नेता को सरकार ने इस बार मौका नही दिया है।


1.सुरेश कुमार पासी

2.नीलिमा कटियार

3.पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा

4.नीलकंठ तिवारी

5.अशोक कटरिया

6.महेश चन्द्र गुप्ता

7.सिद्धार्थनाथ सिंह

8.महेन्द्र सिंह

9.राम नरेश अग्निहोत्री

10.श्री राम चौहान

11.डॉ. जीएम धर्मेश

12.चौधरी उदयभान सिंह

13.मोहसिन रजा

14.जय कुमार सिंह जैकी

15.श्रीकांत शर्मा

16.आशुतोष टंडन

17.सतीश महाना

18.अतुल गर्ग

19.रमाशंकर पटेल

20.जय प्रताप सिंह


ये सब वही चेहरे है जिन्हे इस बार सरकार ने जिम्मेदारी नही दी है, जिसके पीछे सरकार के कुछ कारण भी हो सकते है तथा सरकार नये चेहरों के काम को भी देखना चाहती है।


आइये अब बात करते हैं उन नेताओं की जो नये चेहरे के रूप में सरकार के मंत्रिमंडल में यथा कैबिनेट मंत्री के रूप में, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में या फिर राज्य मंत्री के रूप में शामिल होने जा रहे हैं।


आइये बात करते हैं कि इस बार माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपनी कैबिनेट में तथा मंत्रिमंडल में किन नये चेहरों को मौका दिया है तथा कितने लोगों को कैबिनेट मंत्री, कितने लोगों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार तथा कितने लोगों को राज्यमंत्री को दर्जा देकर उनको नई जिम्मेदारी दी है।

पहले बात करते हैं किन नये लोगों को राज्यमंत्री  ( State Minister ) का पद प्रदान किया गया है।


1. रजनी तिवारी

2. प्रतिभा शुक्ला

3. सतीश शर्मा

4. राकेश राठौर गुरू

5. अनूप प्रधान वाल्मिकी

6. विजय लक्ष्मी गौतम

7. सोमेन्द्र तोमर

8. मयंकेश्वर सिंह

9. जसवंत सिंह

10. बृजेश सिंह

11. संजय गंगवार

12. दानिश आजाद अंसारी

13. केपी मलिक

14. सुरेश राही

15. रामकेश निषाद


उसी प्रकार जिन नये चेहरों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ( Minister of State Independent Charge ) का दर्जा दिया गया है उनकी सूची इस प्रकार है।

1. असीम अरूण

2. जेपीएस राठौर

3. दयाशंकर मित्र दयालु

4. दिनेश प्रताप सिंह

5. नरेन्द्र कश्यप

6. अरूण कुमार सक्सेना

7. नितिन अग्रवाल

8. दयाशंकर सिंह


इसके अलावा जिन लोगों को कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) का दर्जा प्रदान किया गया है उनमें

1. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्या

2. अरविंद शर्मा पूर्व आई.ए.एस

3. राकेश सचान

4. योगेन्द्र उपाध्याय

5. जयवीर सिंह
















  


Baby Rani Maurya Gulab Devi Pratibha Shukla Rajni Kumari aur Vijay Laxsmi gautam got new responsibility in up ministry

आखिर क्यों इस बार पुराने चेहरों को शामिल नही किया गया है?



उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी का शपथ ग्रहण कल दिनांकः 25.03.2022 दिन शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। और मुख्यमंत्री के साथ ही इस बार कई मंत्रियों ने अपने पद एवं गोपनियता की शपथ भी ले ली।


आपको बता दे, इस बार पांच राज्यों के विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 4 राज्यों यथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर तथा गोवा में बहुमत हासिल किया था। इन 4 राज्यों में से सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शेष था, जिसे ऐतिहासिक बनाते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी में लखनऊ के इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।


इस बार मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपनी कैबिनेट में कई नये चेहरों को जगह दी है, साथ ही कई पुराने चेहरों को इस बार मौका नही दिया गया है।


पहले बात करते हैं कि किन पुराने नेता को सरकार ने इस बार मौका नही दिया है।


1.सुरेश कुमार पासी

2.नीलिमा कटियार

3.पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा

4.नीलकंठ तिवारी

5.अशोक कटरिया

6.महेश चन्द्र गुप्ता

7.सिद्धार्थनाथ सिंह

8.महेन्द्र सिंह

9.राम नरेश अग्निहोत्री

10.श्री राम चौहान

11.डॉ. जीएम धर्मेश

12.चौधरी उदयभान सिंह

13.मोहसिन रजा

14.जय कुमार सिंह जैकी

15.श्रीकांत शर्मा

16.आशुतोष टंडन

17.सतीश महाना

18.अतुल गर्ग

19.रमाशंकर पटेल

20.जय प्रताप सिंह


ये सब वही चेहरे है जिन्हे इस बार सरकार ने जिम्मेदारी नही दी है, जिसके पीछे सरकार के कुछ कारण भी हो सकते है तथा सरकार नये चेहरों के काम को भी देखना चाहती है।


आइये अब बात करते हैं उन नेताओं की जो नये चेहरे के रूप में सरकार के मंत्रिमंडल में यथा कैबिनेट मंत्री के रूप में, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में या फिर राज्य मंत्री के रूप में शामिल होने जा रहे हैं।


आइये बात करते हैं कि इस बार माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपनी कैबिनेट में तथा मंत्रिमंडल में किन नये चेहरों को मौका दिया है तथा कितने लोगों को कैबिनेट मंत्री, कितने लोगों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार तथा कितने लोगों को राज्यमंत्री को दर्जा देकर उनको नई जिम्मेदारी दी है।

पहले बात करते हैं किन नये लोगों को राज्यमंत्री  ( State Minister ) का पद प्रदान किया गया है।

Baby Rani Maurya Gulab Devi Pratibha Shukla Rajni Kumari aur Vijay Laxsmi gautam got new responsibility in up ministry


1. रजनी तिवारी

2. प्रतिभा शुक्ला

3. सतीश शर्मा

4. राकेश राठौर गुरू

5. अनूप प्रधान वाल्मिकी

6. विजय लक्ष्मी गौतम

7. सोमेन्द्र तोमर

8. मयंकेश्वर सिंह

9. जसवंत सिंह

10. बृजेश सिंह

11. संजय गंगवार

12. दानिश आजाद अंसारी

13. केपी मलिक

14. सुरेश राही

15. रामकेश निषाद


उसी प्रकार जिन नये चेहरों को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ( Minister of State Independent Charge ) का दर्जा दिया गया है उनकी सूची इस प्रकार है।

1. असीम अरूण

2. जेपीएस राठौर

3. दयाशंकर मित्र दयालु

4. दिनेश प्रताप सिंह

5. नरेन्द्र कश्यप

6. अरूण कुमार सक्सेना

7. नितिन अग्रवाल

8. दयाशंकर सिंह


इसके अलावा जिन लोगों को कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) का दर्जा प्रदान किया गया है उनमें

1. उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्या

2. अरविंद शर्मा पूर्व आई.ए.एस

3. राकेश सचान

4. योगेन्द्र उपाध्याय

5. जयवीर सिंह
















  


24/3/22

Kya hoti hai Security Money aur kyun Jabt ho jaati hai, क्या होती है जमानत धनराशि और इसको क्यों जब्त कर लिया जाता है?

विधानसभा 2022 के चुनाव में कई प्रत्याशियों की जमानत धनराशि जब्त कर ली गई आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि क्या होती है जमानत धनराशि? और कितने प्रतिशत वोट पाने पर जमानत धनराशि जब्त नहीं होती है?



क्या होती है जमानत धनराशिwhat is security deposit)?: -

                                                                                        आपको बता दें किसी भी प्रकार के चुनाव के दौरान प्रत्याशी को अपना पर्चा दाखिल करते समय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित जमानत धनराशि जमा करनी होती है यह धनराशि जमा करना अनिवार्य रूप से जरूरी है।


कितनी धनराशि जमा करनी आवश्यक होती है (How much amount is required to be deposited):-?

                                                    निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव के समय अपनी पार्टी का पर्चा दाखिल करते समय एक निश्चित धनराशि जमा करनी होती है, आपको बता दें यदि उम्मीदवार लोकसभा चुनाव हेतु अपना पर्चा दाखिल कर रहा है तो उसे ₹25000 की धनराशि जमा करनी होती है।


उसी प्रकार..

यदि उम्मीदवार विधानसभा का पर्चा दाखिल कर रहा है तो उसे ₹10000 (दस हजार रूपये) की जमानत धनराशि जमा करना अनिवार्य होता है। यहां पर एक बिंदु हम और जोड़ना चाहेंगे यदि उम्मीदवार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति का है तो लोकसभा चुनाव हेतु ₹12500 (बारह हजार पाँच सौ रूपये) तथा विधानसभा चुनाव हेतु ₹5000 (पाँच हजार रूपये) की धनराशि जमा करना अनिवार्य है।


क्यों जब्त हो जाती है जमानत धनराशिः- (Why does the security deposit get forfeited)?

               आपको बता दें जमानत धनराशि को वापस पाने के लिए आपको कुल वोटों का 16.66 प्रतिशत वोट प्राप्त करना अनिवार्य है यदि उम्मीदवार को इतने वोट नहीं मिलते हैं तो उनकी जमानत धनराशि को  जब्त किए जाने का प्रावधान है।




कितना होता है 16.66 प्रतिशत वोट (How much is 16.66 percent votes):-

                                                                                                           उदाहरण स्वरुप यदि हम यह कहें कि किसी विधानसभा क्षेत्र में वोटों की संख्या 100000 तो वहां पर उम्मीदवार को इतने वोटों का 16.66 प्रतिशत  वोट हासिल करना अनिवार्य है, अर्थात इतने वोटों का 1/6 भाग। यदि उम्मीदवार को इतने प्रतिशत वोट प्राप्त नही होते हैं तो उम्मीदवार की जमानत धनराशि ( Security deposit )जब्त कर ली जाती है।


उदाहरण 



बात करते हैं इस बार संपन्न हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बारे में जहां पर कुल 4442 उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में उतरे थे जिनमें 3522 प्रत्याशी ऐसे थे जिनकी जमानत की धनराशि निर्वाचन आयोग द्वारा जब्त कर ली गई अर्थात 3522 प्रत्याशी ऐसे थे जिन्हें कुल वोटों का छठवां हिस्सा भी नहीं मिला।


यदि हम प्रमुख दलों की बात करें तो

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (CONGRESS) के 387 उम्मीदवार की जमानत धनराशि जब्त कर ली गई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने 399 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे इन उम्मीदवारों में सिर्फ 12 प्रत्याशी ऐसे थे जो 16.66 प्रतिशत या उससे ज्यादा वोट प्राप्त करने में सफल रहें।



  • उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी (B.J.P) के तीन प्रत्याशी ऐसे थे जो अपनी जमानत धनराशि नहीं बचा पाए भारतीय जनता पार्टी ने 376 सीटों पर चुनाव लड़ा था, और 373 उम्मीदवार ऐसे थे जिन्होंने कुल वोटों को छठवां हिस्सा प्राप्त कर लिया था।



  • बात करते हैं समाजवादी पार्टी (S.P)की जिसने 347 उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में उतारे थे उसके 6 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई


  • अब बात करते हैं बहुजन समाज पार्टी (B.S.P) की जिसने पूरे 403 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे और उसके 290 उम्मीदवारों की जमानत धनराशि जब्त कर ली गई।

इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को बहुत बुरी हार का सामना करना पड़ा था।


आशा है आपको जमानत धन राशि के बारे में पता चल गया होगा।



ये लेख आपके बहुत काम के है।


क्या आप भी किसी का कंटेट/फोटो/ऑडियो/वीडियों चोरी तो नही करते है?

क्या होती है बौद्धिक संपदा, और कैसे इसकी सुरक्षा की जाती है।

अब पुराने वाहनों को नष्ट करके सरकार आपको नये वाहन खरीदने में मदद करेंगी, जानिये इस प्रक्रिया के बारे में।

अगर नही मिल रहा है एडसेंस का अप्रूवल तो ये तरीका अभी अपना लीजिए।

अब कभी भी नही भरेगी आपके स्मार्टफोन की मेमोरी जानिये व्हाट्सएप के इस बेहतरीन फीचर्स के बारे में।

फेसबुक चलाते हैं तो मैंसेजर के ये 5 यूजफुल टूल्स के बारे में आपको पता होना चाहिए।

2024 तक बन जायेगा सेंन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, जान लीजिए क्या है इसकी विशेषता।

आखिर क्यों इस बिल्डिंग में इतना टन सोना रखा गया है, अगर चोरी हो जाये तो क्या होगा ?

इस इमारत में पक्षी भी परिंदा नही मार सकता और दरवाजे इतने भारी है कि इंसान खोल ही नही सकता।

आखिर क्यों उत्तर प्रदेश सरकार अपने युवाओं को स्मार्टफोन और टेबलेट बांट रही है।

क्या होगा यदि आप अपना योनो का यूजर नेम और पासवर्ड भूल जाते है।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में इन उम्मीदवारां ने तो इतिहास रच दिया।

इंटरनेट से इस तरीके को अपनाकर आप भी अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

गो पैसा आपको हर बार कैशबैक देता है, जानिये कैसे।

आखिर क्या है स्वामित्व योजना?

बहुत जल्दी सभी राज्यां में लागू करेगी सरकार ये योजना, जिससे आप कहीं पर भी इलाज करवा पायेगें।

क्या आपने वर्चुअल करेंसी (डोजीक्वॉइन) में निवेश किया? जानिये बिटक्वाइन की कीमत।

क्या आपको पता है एक बिट्क्वाइन की क्या कीमत है, जान कर दंग रह जायेगे आप।

यदि आपने सिर्फ 5 साल पहले 100 बिट्क्वाइन खरीदें होते तो आपके पास इतना पैसा हो जाता।

2022 में प्रस्तुत बजट की इन विशेषताओं के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।

आखिर क्यों स्क्रैपेज पॉलिसी की जरूरत पड़ी है सरकार को, क्या लाभ होगें इसके।

सिर्फ 24 घंटों के अन्दर मिल सकता है आपको अप्रूवल, अगर ये गलती नही की तो।

क्या पैसा निकालने के लिए एटीएम के अलावा आपने इन तरीको को अपनाया है या नही?

अब कोई आपके कार्ड की क्लोनिंग नही कर पायेगा, क्योंकि योनो कैश के माध्यम से आप बिना कार्ड के पैसा निकाल सकते है।

हमारा नया संसद भवन 2022 में बनकर तैयार हो रहा है, जिसकी क्षमता के आगे अमेरिकी संसद कुछ नही।

गूगल की इन विशेषताओं के बारे में आपने कभी भी नही सुना होगा।

आखिर कैसे काम करता है गूगल आर्गेनाइजेशन और क्या है इसकी विशेषता।

अगर आप भी बनना चाहते हैं ट्वीटर  के वीआईपी यूजर तो जान लीजिए क्या है प्रक्रिया।

कौन है मैसेंजर की दुनिया का बादशाह व्हाट्सएप  या टेलीग्राम  या सिग्नल?



































20/3/22

When was Matritva Vandan yojna scheme launched by government aur isme Registration kaise kare अब दूसरी बेटी पर भी सरकार देगी पूरे 5000 रूपये।

फिर मिलेंगे ₹5000.

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना  के नियमों में केंद्र सरकार ने पुनः परिवर्तन किया है जिसके तहत इस योजना में अब पुनः पुत्री होने पर ₹5000 की धनराशि प्रदान की जाएगी पहले सिर्फ एक बालिका पर यह योजना लागू थी.

When was Matritva Vandan yojna scheme launched by government aur isme Registration kaise kare ? अब दूसरी बेटी पर भी सरकार देगी पूरे 5000 रूपये।


महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए तथा उनकी देखभाल के लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लेकर आती है प्रधानमंत्री मात्र वृंदा योजना भी उन्हीं योजनाओं में से एक है जिसके तहत महिलाओं को प्रथम बालिका के जन्म पर धन राशि दिए जाने का प्रावधान था इस नियम को संशोधन करते हुए सरकार ने दूसरी बेटी पर भी 5000 की धनराशि देने का प्रावधान कर दिया है सरकार का उद्देश्य है कि इसका लाभ प्रत्येक लाभार्थी महिला तक पहुंच सके इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास भी कर रही है इस कार्य को करने के लिए केंद्र सरकार का केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय कार्य कर रहा है.


2022 में प्रस्तुत बजट की इन विशेषताओं के बारे में भी आपको पता होना चाहिए।

आखिर क्यों स्क्रैपेज पॉलिसी की जरूरत पड़ी है सरकार को, क्या लाभ होगें इसके।

सिर्फ 24 घंटों के अन्दर मिल सकता है आपको अप्रूवल, अगर ये गलती नही की तो।

क्या पैसा निकालने के लिए एटीएम के अलावा आपने इन तरीको को अपनाया है या नही?


कैसे करें आवेदन ( How to apply) :-

                                                                प्रक्रिया को सरल बनाते हुए भारत सरकार ने एक एप्लीकेशन का निर्माण किया है जिसका नाम उमंग है इस एप्लीकेशन के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात मातृत्व वंदना योजना हेतु आवेदन किया जा सकता है.

आवेदक चाहे तो Online ही इसका आवेदन कर सकते हैं.

उक्त के अलावा यदि कोई ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकता है तो आशा या ANM के माध्यम से भी आवेदन कर सकता है.

आपको बता दें इस योजना का लाभ प्रत्येक महिला को मिलेगा चाहे उनका प्रसव सरकारी अस्पताल में हुआ हो या किसी भी निजी अस्पताल में हुआ हो.


कब आरंभ की गई थी योजना ( When was the scheme launched ):-

                                                                                                                                               केंद्र सरकार की इस योजना का शुभारंभ 1 जनवरी 2017 को किया गया था जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने का था इस आर्थिक सहायता के माध्यम से वह अपना विशेष ध्यान रख सकती थी इस योजना को नेशनलफूड सिक्योरिटी एक्ट 2013 के अंतर्गत प्रारंभ किया गया था, जिसके काफी बेहतरीन परिणाम देखने को .


  • गर्भवती महिला की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी ,


इस योजना के अंतर्गत उन महिलाओं को भी पात्र माना जाएगा जो 1 जनवरी 2017 या उसके बाद गर्भवती हुई हो,


इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:-

राशन कार्ड,

बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र,

माता-पिता दोनों का आधार कार्ड,

बैंक खाते की पासबुक,

एवं

माता पिता का पहचान पत्र उक्त दस्तावेज होने से पात्रता हो जाती है.


अब कोई आपके कार्ड की क्लोनिंग नही कर पायेगा, क्योंकि योनो कैश के माध्यम से आप बिना कार्ड के पैसा निकाल सकते है।

हमारा नया संसद भवन 2022 में बनकर तैयार हो रहा है, जिसकी क्षमता के आगे अमेरिकी संसद कुछ नही।

गूगल की इन विशेषताओं के बारे में आपने कभी भी नही सुना होगा।

आखिर कैसे काम करता है गूगल आर्गेनाइजेशन और क्या है इसकी विशेषता।


















11/3/22

why did Pushkar Singh Dhami lose from Khatima and by how many votes आखिर क्यों खटीमा से हार गये पुष्कर सिंह धामी और कितने वोटों से हारे।

भाजपा की लहर में सभी पार्टियों का सूपड़ा साफ 5 राज्यों में से 4 राज्यों में भाजपा ने फहराया अपना झण्डा।


आखिरकार इस बार के एक्जिट पोल लगभग सही साबित हुये, खासतौर से उत्तर प्रदेश में भाजपा ने पुनः अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ही ली।

ये उत्तर प्रदेश के इतिहास में किसी पार्टी द्वारा दुबारा जीतना पहली बार है जब पूर्ण बहुमत के साथ किसी पार्टी ने यहां पर अपनी  जीत दर्ज की है।


इस बार के विधानसभा के चुनाव में कई उलटफेर भी देखने को मिले। जहां 2017 के मुकाबले बहुजन समाज पार्टी को सिर्फ 1 सीट प्राप्त हुयी, वहीं दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में घूमकर प्रचार करने वाली प्रियंका गांधी के खाते में सिर्फ 2 सीटे ही गयी।

इस बार का चुनाव सिर्फ दो पार्टियों के बीच में ही रहा। भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी।


  • उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से इस बार भारतीय जनता पार्टी को 256 सीटों में जीत मिली जो कि 2017 के मुकाबले कम है।


  • वहीं उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की, परन्तु भाजपा के लिए सबसे तगड़ा झटका तब लगा जब वहां के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने विरोधी पार्टी कांग्रेस के उम्मीदवार भुवन कापड़ी से हार गये इसके बावजूद सूत्र यहीं कह रहें हैं कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री धामी ही बनेगें।

  • उसी प्रकार मणिपुर की 60 सीटों में से भाजपा को 32 सीटों पर जीत हासिल हुयी और वह मणिपुर में भी अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गयी है।

  • उसी प्रकार गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने 20 सीटें प्राप्त करके विरोधी को परास्त कर दिया।


उत्तर प्रदेश की कुछ महत्वपूर्ण सीटें जहां से कुछ दिग्गज को हार का सामना करना पड़ा।

आइये जानने का प्रयास करतें हैं।

  • कौशाम्बी जनपद की सिराथू सीट से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को हार का सामना करना पड़ा, जहां पर उन्हें समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डा0 पल्लवी पटेल ने 7337 वोटों से हरा दिया।

  • उत्तर प्रदेश की कुण्डा सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार गुलशन यादव रघुराज प्रताप सिंह से हार गये।

  • BJP छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या फाजिलनगर सीट से हार गये, उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा ने हरा दिया।

  • नोयडा से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुनील चौधरी पंकज सिंह से 181,513 वोटों के अन्तर से हार गये।

  • उसी प्रकार गोरखपुर की सीट से आदित्यनाथ ने अपने विपक्षी पार्टी के उम्मीदवार सुभापति उपेन्द्र नाथ शुक्ला को 103,390 वोटों के अन्तर से हरा दिया।

उसी प्रकार उत्तराखंड की बात की जाये तो यहां पर भी 2 दिग्गज हार गयें।

  • पहला प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री रहें पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से हार गये, उन्हेंं इंडियन नेशनल कांग्रेस के भुवन चन्द्र कापड़ी ने 6579 वोटों से हरा दिया।

  • उसी प्रकार कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी हार का मुंह देखना पड़ा वो अपने विपक्षी उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी के डा0 मोहन सिंह विष्ट से 17,527 वोटों से हार गये।



 
























10/3/22

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चार राज्यों को भारतीय जनता पार्टी ने भगवा रंग में रंग दिया।


उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर एवं गोवा में भारतीय जनता पार्टी ने भारी बहुमत प्राप्त जीत का झंडा लहरा दिया।



सभी चरणों के चुनाव खत्म होने के बाद आज दिन गुरूवार को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम भी आ गये। और 5 राज्यों में से 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत प्राप्त करते हुए सरकार बनाने की रास्ता खोल लिया। सिर्फ 1 राज्य पंजाब में आम आदमी पार्टी ने इतिहास रचते हुए सभी पार्टियों को सूपड़ा ही साफ कर दिया।


आपको बता अभी तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार कार्य कर रही थी, और उसे सिर्फ   सीटों से ही संतोष करना पड़ा ।


पार्टी के प्रमुख उम्मीदवारों में चरणजीत सिंह चन्नी, और पंजाब के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी अपनी सीट पर जीत नही सकें। और इस प्रकार पंजाब में वहां की जनता ने परिवर्तन को चुनते हुए वहां पर आम आदमी पार्टी को अवसर प्रदान किया है, जो अब पूरे पांच वर्षो तक वहां पर शासन करेगी।

बात करते है उत्तर प्रदेश की जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने 2017 की जीत को पुनः दोहराते हुए इस बार भी प्रचण्ड बहुमत प्राप्त करते हुए एक फिर से सत्ता अपने हाथों में कर ली, जनता ने एक बार पुनः भारतीय जनता पार्टी का ही चुनाव किया, परन्तु इस बार शुरूआती रूझान में समाजवादी पार्टी भी बीजेपी को टक्कर दे रही थी, परन्तु जैसे-जैसे समय बीतता गया, भारतीय जनता पार्टी कई सीटों पर बहुमत प्राप्त करती चली गई।


इस बार के चुनावों में समाजवादी पार्टी ने 2017 के मुकाबले बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई सीटों पर विजय भी प्राप्त की, और 2017 के मुकाबलें दोगुनी से भी ज्यादा सीटों पर जीत प्राप्त कर ली। आपको बता दें 2017 के विधानसभा के  चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सिर्फ 47 सीटें प्राप्त की थी, लेकिन इस बार 2017 के मुकाबलें 73 सीटें ज्यादा प्राप्त की है।

आइये ये जानने का प्रयास करते है कि किन-किन महत्वपूर्ण सीटों पर प्रत्याशी जीते है।


सर्वप्रथम बात करते है भारतीय जनता पार्टी की जिसके कई उम्मीदवार इस बार जीते तो कुछ सीटों पर उसके महत्वपूर्ण सीट पर उसके उम्मीदवार को हार का भी सामना करना पड़ा है।


  • सर्वप्रथम बात करते है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की जो गोरखपुर से विजयी हुये है, जिन्हें 164000 से भी ज्यादा वोट प्राप्त हुये।


  • भारतीय पुलिस सेवा छोड़कर आये असीम अरूण जो कि कन्नौज सदर सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे, उन्होनें भी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को लगभग 5000 से ज्यादा वोटों से पराजित किया।

  • लखनऊ के 9 विधानसभा सीटों में क्रमशः 1- मलिहाबाद, 2- बक्शी का तालाब, 3-सरोजनीनगर, 4-लखनऊ पश्चिम, 5- लखनऊ उत्तर, 6- लखनऊ पूर्व, 7- लखनऊ मध्य, 8- लखनऊ कैण्ट, 9- मोहनलालगंज में से भारतीय जनता पार्टी ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है, सिर्फ 2 सीटों यथा लखनऊ मध्य तथा लखनऊ पश्चिम में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार रविदास मेहरोत्रा तथा अरमान खान की विजय हुयी है।