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15/5/21

Role of positive thinking in self development, Positive kaise rahe,

सकारात्मक सोच Positive Thinking इंसान को बहुत ऊपर तक ले जाती है, और नकारात्मक सोच Negative Thinking इंसान को हमेशा पीछे धकेलने का कार्य करती है। हम सभी को मनुष्य का जीवन बहुत जतन से मिला है या हम ये कह सकते है, कि शायद हमारे पिछले जन्मों के अच्छे कार्यो/कर्मो के कारण ही मिला है, तो हम इस मनुष्य जीवन को ऐसे ही व्यर्थ में बरबाद क्यों करें।


एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों के हितो के बारे में बात करता है, वो लोगों की बुराई करने में अपने महत्वपूर्ण समय को बिल्कुल बरबाद नही करता है, लोगों की बुराई करके अपने मुँह को ही गन्दा करने का कार्य करता है। क्यों न हम इस समय को किसी अच्छे कार्य में लगाये।


10 बातें हमें हमेशा ध्यान में रखनी हैं।

(1). हमेशा सकारात्मक सोच रखनी है और नकारात्मक सोच वालों को अपनी सूची में रखना नही है।

(2). लोगों की बुराई में अपने कीमती/मूल्यवान समय को बिल्कुल भी खर्च नही करना है, बल्कि उस ऊर्जा का प्रयोग अपने किसी ऐसे कार्य में लगाना है, जहाँ से आपको हमेशा कुछ नया सीखने को मिले।

(3). लोगों की मदद करने की आदत जरूर बनाये, मैं ये नही कहता कि सिर्फ आर्थिक मदद से ही आप लोगों की मदद नही कर सकते, बल्कि मदद के कई अन्य भी रास्ते है।

(4). सिर्फ बार्डर पर तैनात रहकर ही देश की सेवा की जा सकती है? नही ऐसा बिल्कुल भी नही है हमारे देश के सैनिक यदि दिन रात बार्डर पर तैनात रहकर हमारे देश की रक्षा करते है, तो हम भी किसी न किसी रूप में राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता दे सकते है।

अर्थात् किसी भी पद पर रहकर आप राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे सकते है। चाहे वह एक राजनेता के रूप में हो, या पुलिस अधिकारी के रूप में अथवा डॉक्टर के रूप में हो या फिर सफाई कर्मी के रूप में ही क्यों ना हो। देश के निर्माण में आपका एक छोटा सा कदम ही राष्ट्र को उन्नति के पथ पर आगे ले जाने का कार्य करता है।

(5). देश इस वक्त बहुत बड़ी महामारी के दौर से गुजर रहा है, इस समय सकारात्मक ऊर्जा के साथ उन लोगों का भी हौसला अफजाई जरूर करें जो इस महामारी में भी दिन रात अपने परिवार की फिक्र किये बिना भी कई-कई घंटे कार्य कर रहें है।

(6). किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है, और आत्मविश्वास से ही इंसान मजबूत बनता है। यदि किसी इंसान का आत्मविश्वास मजबूत नही है तो वह किसी भी प्रकार के कार्य को कर पाने में असमर्थ होता है। आत्मविश्वास के किया गया कार्य हमेशा सफलता दिलाता है। चाहे आप किसी भी प्रकार के कार्य को करने की ठान लेते है। आत्मविश्वासी  व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान यही होती है, वो अपने कार्य के प्रति लगनशील रहता है।

और आत्मविश्वास की कमी हमारी बहुत सारी असफलताओं की जड़ होती है।

(7). ऊर्जावान व्यक्ति सफलता की सीढ़ियों पर हमेशा चढ़ता रहता है, वही दूसरी तरफ एक आलसी और निठल्ला व्यक्ति अपने को और कामचोर और कमजोर बना देता है। एक ऊर्जावान व्यक्ति अपना हमेशा बेस्ट देने का प्रयास करता है, वो यदि थक भी जाता है, तो पुनः खड़ा भी हो जाता है, और पुनः सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ अपने उस कार्य में लग जाता है, जिस कार्य को वह पूरा करना चाहता है। यहाँ पर यह बताना भी समीचीन है कि एक ऊर्जावान व्यक्ति की ही पहचान होती है ना कि निठल्ले और कामचोर व्यक्ति की।

(8). इंसान को हमेशा क्रोध के अतिरेक से बचना चाहिए, क्योंकि क्रोध इंसान को सिर्फ नुकसान पहुंचाने का कार्य ही करता है, विनम्रता से कराया गया कार्य आपको आत्मिक संतुष्टि तो प्रदान करता ही है साथ ही साथ लोगों के मन में आपके प्रति प्रेम भावना को भी जगाता है। प्रेम पूर्वक किसी से भी किसी प्रकार का कार्य लिया जा सकता है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ क्रोध से किया गया कार्य आपको नीचा गिराने का कार्य करता है, तथा लोग आपके बारे में नकारात्मक विचार ही रखते हैं। अपने क्रोध और अहंकार के कारण ही रावण मारा गया था।

(9). एक सफल व्यक्ति का एकाग्र होना बहुत जरूरी है, एक एकाग्र मनुष्य अपने सभी कार्यो को आसानी से कर लेता है, क्योंकि वह अपने दिमाग को सिर्फ उसी कार्य में एकाग्र करके रखता है, जिस कार्य में वह तल्लीन रहता है। अतः जो भी कार्य करें, एकाग्र और तल्लीन होकर करें।

(10). कहा जाता है, अच्छा बोले, और अच्छा सुने। अर्थात् आप यदि अच्छा सुनते है, तो अच्छा ही बोलते है, इसके लिए जरूरी है कि आप ऐसी संगति में रहें, जिनसे आपको सिर्फ अच्छी बातें सीखने को मिले, न कि उन बातों को जिनका आपके जीवन में कोई महत्व ही नही है।

यदि आप इन सभी बातों को अपने जीवन में अमल में लायेंगे तो सम्भवतः आपको कोई भी सफल व्यक्ति बनने से नही रोक सकता है।



ये भी जानिये।

अभी हाल ही डॉक्टरों द्वारा कोरोना महामारी तथा इससे बचने के वो सारे उपाय बताये जिनके बारे में आप सभी को जानना चाहिए।

इस महामारी के दौर में डॉक्टरों की ये चर्चा आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेंगी।



















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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गोविन्द भण्डारी है मेरी उम्र 35 वर्ष है। अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र से एम.ए (परास्नातक) करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में कार्यरत हूँ। मुझे कम्प्यूटर पर कार्य करना सबसे ज्यादा पसन्द है और मैं अपने समय का 30 प्रतिशत से भी ज्यादा समय कम्प्यूटर पर डिजाइनिंग, सर्फिंग, और अन्य रोचक जानकारियों को इकट्ठा करने में ही बिताता हूँ। मुझे ब्लॉग लिखना, नेट सर्फिंग करना, फोटोग्राफी करना, किताबें पढ़ना, रोचक जानकारियों को इकट्ठा करना, घूमना, बहुत ज्यादा पसन्द है। उक्त के अलावा मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ी और हर प्रकार की जानकारी रखना, सीखना पसन्द करता हूँ। उक्त के अलावा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन डिजाइनिंग, और मोबाइल एवं कम्प्यूटर के टिप्स एवं ट्रिक्स के बारे में भी सभी जानकारियों को सीखना मुझे पसन्द है। आशा करता हूँ कम शब्दों में दी गयी मेरे बारे में जानकारी आपकों पसन्द आयी होगी।

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