-->

26/4/21

Discussion on Corona epidemic by Doctors of the country and measures to avoid it.

कोरोना महामारी बचाव से जुड़े हुए सभी मुद्दो पर देश के जाने माने    डॉक्टरों ने क्या कहा है,आप सभी का ये जानना जरूरी है।

Discussion on Corona epidemic by Doctors of the country and measures to avoid it.

इस लेख के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर डॉक्टरों ने अपनी-अपनी राय व्यक्त की है और ऐसी राय जो पूरी तरह से सकारात्मक है।

देश में कोरोना जैसी महामारी में बड़े डाक्टरों द्वारा दी गई जानकारी वास्तव में एक संजीवनी ही है जिसके बारे में आप सभी का जानना जरूरी है।

इन सभी डाक्टरों ने इस महामारी से बचने के वो सारे उपाय बताये है,  जिन्हें अपनाकर आप महामारी से बच पायेगें। आइये जानते है, किन-किन डाक्टरों ने अपनी राय व्यक्त की है।


1. डा0 रणदीप गुलरिया, जो वर्तमान में अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के निदेशक है।

2. डा0 नरेश त्रेहान देश के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ तथा मेंदांता के चेयरमैन भी है।

3. डॉ0 सुनील कुमार जो डॉयरेक्टर जनरल स्वास्थ्य एवं सेवाएं भारत सरकार  है।

4. डॉ0 नवनीत विग जो एम्स में ही मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष है।


ये चारों डॉक्टर देश के जाने माने डॉक्टरों में से एक है, जो अपने-अपने क्षेत्रों के बेहतरीन विशेषज्ञ तो है ही साथ ही साथ चिकित्सा के क्षेत्र में एक जाना माना ब्रान्ड भी हैं।


आज ही आप सभी डॉक्टरों ने एक बेबीनार के माध्यम से इस कोरोना महामारी से बचाव के वो सारे उपाय साझा किये है, जिन्हें हम सभी देशवासियों का जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण भी है। क्योंकि सोशल मीडिया और फेक न्यूज को देख देखकर लोगों के मन में नकारात्मकता का आना स्वाभाविक भी है, लेकिन जब देश के बेहतरीन विशेषज्ञ इस विषय पर बात करें तो उस पर ध्यान देना अत्यन्त जरूरी भी है।


यहाँ पर सभी डॉक्टरों द्वारा कही गयी महत्वपूर्ण बातों को 5-5 बिन्दुओं के माध्यम से समझने का प्रयास किया जायेगा।


सर्वप्रथम हम एम्स के डायरेक्टर डा0 रणदीप गुलरिया द्वारा कही गयी बातों को जानते है।

1. पहली बात जो उन्होंने कही कि आज देश में 80 प्रतिशत 90 प्रतिशत मरीजों में मामूली सिमटम्स है, जो किसी भी रूप में हो सकता है जैसे हल्की खांसी, बुखार, आदि इसमें ज्यादा घबराने (पैनिक) होने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। मामूली सिम्टम्स होने पर आप अपने आपको घर पर आइसोलेट कर ले, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का लेवल चेक कर सकते है, यदि 94 से ऊपर है तो ठीक है यदि आपको लगता है कि कम है तो आप पेट के बल लेट जायें उससे ऑक्सीजन का सेचूरेशन नार्मल हो जायेगा।


2. डा0 गुलरिया ने कहा कि सिर्फ 10-15 प्रतिशत मरीजों में ही गम्भीर लक्षण देखने को मिलते है, जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 के नीचे हो तथा साँस लेने में तकलीफ हो रही है और वास्तव में जिन्हें अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत हो, वहीं अस्पताल में एडमिट हों, सिर्फ इस आधार पर कि आपको नार्मल सिम्टम्स और अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत है तो आप उन मरीजों की जान को खतरे में डाल रहे है जो वास्तव में किसी दूसरी गम्भीर बिमारी से पीड़ित है।

3. आपके अनावश्यक रूप से अस्पताल में एडमिट होने से दो तरह की समस्या उत्पन्न होती है, पहली ये कि आप उस गम्भीर मरीज का बेड अनावश्यक रूप से बुक करके उसकी जान को खतरे में डालते है दूसरा ये कि आपके एडमिट होने से आप और भी बीमार पड़ सकते है।


4. गुलरिया जी ने कहा कि मैजोरिटी ऑफ पेशेन्ट घर पर ही ठीक हो सकते है, जिन्हें माइल्ड सिम्टम्स है उन्हें अस्पताल आने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। हल्की सी खांसी आने या बुखार आने से आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नही है।


5. डॉ0 गुलरिया ने कहा कि कोरोना बिल्कुल गम्भीर बीमारी नही है, यदि आप सावधानी रखेगें तो ये वायरस आपको नुकसान नही पहुंचायेगा।


डॉ0 नरेश त्रेहान जिन्होनें इस विषय पर अपने विचार रखे।


1. उन्होंने भी इस बात को दोहराया कि 90 प्रतिशत मरीज अपने घर पर ही ठीक हो सकते है, सिर्फ 10 प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल में एडमिट होने की जरूरत पड़ती है, उनके द्वारा अनुलोम-विलोम जैसी एक्सरसाइज करने की भी सलाह दी गयी जो हमारे फेफड़ों को मजबूती प्रदान करते है। आप घर पर ही सुरक्षित रह सकते है।


2. आपको अगर खॉसी, बुखार, गले में खराश अथवा ऐसे कोई भी लक्षण दिखायी दे, तो आपको अस्पताल आने की बिल्कुल भी जरूरत नही है, उन्होंने ये भी बताया कि आप अपने स्थानीय डॉ0 अथवा फैमिली डॉ0 से सम्पर्क करके उनसे कन्सल्ट कर सकते है, क्योंकि सभी डॉक्टर्स को कोविड प्रोटोकॉल के बारे में मालूम है।


3. उन्होंने दो मॉस्क लगाने की भी सलाह दे दी है, जब भी आप किसी भीड़भाड़ वाले जगहों पर जाये, तो दो मॉस्क का प्रयोग करें और मॉस्क को एक शील्ड की तरह पहने, जिससे संक्रमण आपके फेफड़ों में बिल्कुल प्रवेश न कर सकें। बड़े वैवाहिक समारोह, शादियों से दूरी बनाने की सलाह भी डॉ0 नरेश त्रेहान ने दी है।


4. उनके द्वारा एक महत्वपूर्ण बात ये भी बतायी गई कि पहले हमारे देश में प्रतिदिन मेडिकल सेक्टर को 1500 से 2000 टन ऑक्सीजन की जरूरत की जरूरत थी, लेकिन इस महामारी की वजह से अब 7000 से 8000 टन प्रतिदिन की जरूरत होने लगी है.

                                                                 जिसके कारण सप्लायर इसकी सप्लाई नही पूरी कर पा रहे हैं, लेकिन उन्होंने ये भी बताया कि जो हमारे स्टील प्लांट है, और बहुत ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन कन्ज्यूम करते है, वहां से इसको ट्रांसपोर्ट करने की सुविधा ना होने की वजह से समस्या हो रही है, लेकिन सरकार द्वारा इसके ट्रार्न्पोर्टेशन की व्यवस्था की जा रही है, जिससे हमें काफी सहूलियत हो जायेगी।  


5. युवा जो नौकरी पर है, और शाम को घर आते है तो उन्हें सर्वप्रथम अपने मॉस्क को सुरक्षित तरीके से उतारकर रखना है, क्योंकि आप संक्रमण में रहकर अपने बच्चों और बड़े-बुर्जुंगों के बीच में आते है, तो उनमें आप संक्रमण फैला सकते है।


डॉ0 सुनील कुमार डॉयरेक्टर जनरल स्वास्थ्य एवं सेवाएं भारत सरकार  द्वारा भी अपने विचार रखे गये।


1. डॉ0 सुनील कुमार द्वारा बताया गया कि 2020 में जब ये बीमारी आयी तो उस वक्त हमारे देश में सिर्फ 1 आर.टी.पी.सी.आर लैब थी, लेकिन आज हमारे पास 2500 से भी ज्यादा लैब है, जो कोविड-19 की जॉच कर रही है।


2. उन्होनें ये बताया कि पहले हमारे पास इतने टेस्ट नही हो पा रहे थे, लेकिन आज की डेट में प्रतिदिन लाखों टेस्ट किये जा रहे है, और भारत सरकार इस दिशा में निरन्तर काम कर रही है।


3. उनके द्वारा डॉ0 गुलरिया और डॉ0 नरेश त्रेहान की बातों का समर्थन किया गया, और यही कहा गया कि नार्मल सिम्टम्स में हमें अस्पतालों के बेड भरने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। सिफारिश करके आप यदि किसी अस्पताल में बेड पा भी जाते है, तो अस्पताल का स्टाफ आपकी तरफ ज्यादा ध्यान देने लगता है, जिससे अन्य बिमारियों से पीड़ित मरीजों को दिक्कत होती है।


4. डॉ0 सुनील कुमार जी ने सकारात्मक तथ्यों पर ध्यान देने की अपील की, ना कि नकारात्मक तथ्यों पर। डॉ0 सुनील कुमार जी ने वैक्सीनेशन करवाने की अपील भी की है, और इस बात को स्पष्ट किया कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, अफवाहों पर ध्यान न देते हुए वैक्सीन लगवाये।


5. सरकार द्वारा बनाये गये सॉफ्टवेयर में वैक्सीन से जुड़े उन सभी तथ्यों को समाहित किया गया जो आम जनमानस के दिमाग में, किसी भी प्रकार की शंका का समाधान करने हेतु आप भारत सरकार द्वारा बनाये गये सॉफ्टवेयर/वेबसाइट पर विजिट करके वैक्सीन से जुड़ी हुई सभी बातों को जान सकते है।


डॉ0 नवनीत विग ने भी इस चर्चा में अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।

1. डॉ0 नवनीत ने बीमारी को हराने पर जोर दिया और हेल्थ वर्कर को बचाने पर भी जोर दिया, उन्होंने ये कहा कि जो हेल्थ वर्कर दिन रात इस काम में लगे हुए है, उनकी जान भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। क्योंकि जब हम हेल्थवर्कर को बचायेगें तभी हम भी बच पायेगें।

2. उन्होंने ब्रेक द चेन पर जोर दिया, कि अब किसी भी तरह से इस चेन को ब्रेक करना है, अब इस नम्बर को कम करने के लिए सबकी जवाबदेही तय करनी होगी, मीडिया, डॉक्टर्रस, सरकार, जिला प्रशासन और आम जनता को इस जिम्मेदारी को निभाना होगा।

3. जिला स्तर पर उन्होनें कहा कि हर जिले को अपने जिले की पॉजिविटी रेट को 5 प्रतिशत से कम करना होगा,  जब तक पाजिविटी रेट कम नही होगा तब तक इस चेन को ब्रेक नही किया जा सकता, ये प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वो अपने पाजिटिविटी रेट को कम करें।

4. उनके द्वारा ये भी बताया गया कि आज दिल्ली में पॉजिविटी रेट 30 प्रतिशत से ज्यादा है, लेकिन मुम्बई में रेस्ट्रीक्शन लगाने के बाद ये रेट कुछ कम हुआ।

5. डॉ0 नवनीत ने लोगों से पॉजिटिव रहने पर जोर दिया, और नकारात्मक विचारों से दूरी बनाकर रहने की अपील की।

निष्कर्ष-
           जब देश के जाने माने डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा देश के लोगों से अपील की जाती है, तो उसका सकारात्मक परिणाम ही देखने को मिलता है, इन सभी डॉक्टरों द्वारा दी गयी जानकारी सकारात्मक है, और हम सभी को इस पर अमल करना चाहिए, नकारात्मक खबरों, फेक न्यूज, व्हाट्सऐप पर फैलायी जा रही गलत जानकारियों पर बिल्कुल भी विश्वास नही करना चाहिए। तभी हम इस बीमारी से लड़ पायेगे।

इस बीमारी से लड़ने के लिए हम सभी को एक दृढ़ शक्ति की जरूरत है, जो हम सभी को मिलकर लड़ना होगा।
आशा करते है, देश के जाने माने डॉक्टरों द्वारा दी गयी ये सकारात्मक जानकारियां आप सभी को इस महामारी से लड़ने में मदद करेगी।


डॉक्टरों द्वारा की गयी चर्चा का वीडियों देखकर आप सभी आश्वस्त भी हो सकते है,


1.कोविन पोर्टल से टीकाकरण हेतु रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात् आपके रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर एक एस.एम.एस प्राप्त होता है, जो ये बताता है कि किस दिनांक को आपकों किस हॉस्पिटल में टीका लगना है।

2. टीकाकरण हेतु जाते समय आपकों अपनी एक आई.डी. प्रूफ रखनी चाहिए, तथा अस्पताल स्टाफ द्वारा मांगे जाने पर दिखाना चाहिए।

3. अस्पताल स्टाफ द्वारा रजिस्टर पर आपकी सारी जानकारी भरी जाती है, तत्पश्चात् वह आपको टीकाकरण का कार्ड देते है, जिसे आपको भरना होता है। जिसमें आपका नाम, पिता का नाम, उम्र, पता इत्यादि भरे जाते है। उसी कार्ड में एक कॉलम और होता है और वो है वैक्सीनेशन का नाम तथा लगाये जाने का दिनांक।

4. जब आपको पहली डोज लग जाती है, तब आपके कार्ड पर टीकाकरण का दिनांक तथा वैक्सीनेशन कम्पनी का नाम लिख दिया जाता है। तथा उसी के नीचे अगली तिथि भी लिख दी जाती है। जिस दिन आपको दूसरी डोज लगनी होती है।

5. प्रथम डोज लगते ही आपके मोबाइल पर ही एक "प्रोविजनल सर्टिफिकेट" भेजा जाता है, जिससे इस बात की पुष्टि हो जाती है कि आपको प्रथम डोज लग चुकी है।
दूसरी डोज में भी आपके उक्त कार्ड पर वैक्सीनेशन की तारीख लिख दी जाती है। जिसे आप संभालकर अपने पास रख सकते है। यही आपका प्रमाण है।
  

इनकी चर्चा को जरूर देखे।
https://www.youtube.com/watch?v=CL3BbSZDveU



 














Previous Post
Next Post

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गोविन्द भण्डारी है मेरी उम्र 35 वर्ष है। अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र से एम.ए (परास्नातक) करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में कार्यरत हूँ। मुझे कम्प्यूटर पर कार्य करना सबसे ज्यादा पसन्द है और मैं अपने समय का 30 प्रतिशत से भी ज्यादा समय कम्प्यूटर पर डिजाइनिंग, सर्फिंग, और अन्य रोचक जानकारियों को इकट्ठा करने में ही बिताता हूँ। मुझे ब्लॉग लिखना, नेट सर्फिंग करना, फोटोग्राफी करना, किताबें पढ़ना, रोचक जानकारियों को इकट्ठा करना, घूमना, बहुत ज्यादा पसन्द है। उक्त के अलावा मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ी और हर प्रकार की जानकारी रखना, सीखना पसन्द करता हूँ। उक्त के अलावा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन डिजाइनिंग, और मोबाइल एवं कम्प्यूटर के टिप्स एवं ट्रिक्स के बारे में भी सभी जानकारियों को सीखना मुझे पसन्द है। आशा करता हूँ कम शब्दों में दी गयी मेरे बारे में जानकारी आपकों पसन्द आयी होगी।

Related Posts