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31/5/21

कोरोना महामारी पर विस्तृत रिपोर्ट, निबंध, जानकारी सरकार के दिशा-निर्देश, अपडेट्स और बहुत कुछ इस आर्टिकल में, Information on Detailed reports about Corona epidemic, essays, government guidelines, updates and more in this article

Essay on corona 

कोरोना पर निबन्ध। 

     कोरोना एक ऐसी महामारी जिसका नाम सुनकर संभवतः अब हर व्यक्ति घबरा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस बीमारी ने हमें क्या सिखा दिया? नही तो जानिये ऐसा क्या सीखा हम सभी ने इस बीमारी के माध्यम से कि आज पूरा संसार इस बीमारी से बचने के वो सारे उपाय करने में लगा हुआ है, जो आज से पहले कभी नही हुयी।

2020 में जब ये महामारी आयी तो किसी ने भी नही सोचा था कि ये महामारी 2021 में पूरे विश्व में तबाही मचा देगी। और आज स्थिति ऐसी है कि इससे बचने को हर एक उपाय प्रत्येक व्यक्ति तलाशने में लगा हुआ है।

यह एक ऐसी महामारी है, जिस पर विस्तार से चर्चा करना अति आवश्यक है, इस विस्तृत निबन्ध के माध्यम से इस वैश्विक महामारी पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।

कोरोना महामारी पर विस्तृत रिपोर्ट, निबंध, जानकारी सरकार के दिशा-निर्देश, अपडेट्स और बहुत कुछ इस आर्टिकल में, Information on Detailed reports about Corona epidemic, essays, government guidelines, updates and more in this article
क्या है कोरोना बीमारी और कहां से पैदा हुयी महामारीः- 

कहा जाता है कि सबसे पहला मामला दिसम्बर 2019 में वुहान शहर जिसे हुबेई प्रांत का सबसे बड़ा शहर कहा जाता है, तथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर भी कहा जाता है जो मध्य चाइना में है, से इस बीमारी की उत्पत्ति हुई, और संभवतः दिसम्बर, 2019 में ही भारत के केरल राज्य में इस बीमारी का पहला मामला देखने को आया था। और वहीं से ये अन्य राज्यों में फैलता चला गया।

जब इस महामारी के कुछ मामले अन्य राज्यों में बढ़ने लगे तब भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा पूरे देश में फेज 1 लॉकडॉउन (25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 तक) लगाया गया, चूंकि देश में इस महामारी के मामले बढ़ने लगे थे, इसलिए लॉकडॉउन की निरन्तरता को बनाये रखने के लिए पुनः 15 अप्रैल से 3 मई 2020 तक, तत्पश्चात् 3 मई, 2020 से 17 मई, 2020 तक तथा 18 मई, 2020 से 31 मई, 2020 तक के लिए लॉकडॉउन को बढ़ाना पड़ा। इस दौरान पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन था, सिर्फ अत्यधिक महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग आदि को ही सरकार द्वारा अनुमति दी गयी थी। तथा खाद्य पूर्ति के लिए या तो समय निर्धारित कर दिया गया था, या तो इनकी आपूर्ति घरों पर ही की जाने लगी थी।

चूंकि लॉकडाउन के कारण मामलों में काफी कमी आने लगी थी, तथा मामले कुछ कम होते देख, तथा लोगों के मध्य रोजी, रोटी को लेकर होने वाली समस्या को देखते हुए सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर दिया।

आइये जाने।

देश में कब-कब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।

  • अनलॉक प्रथम    1जून - 30जून, 2020 तक 
  • अनलॉक द्वितीय   1 जुलाई - 30 जुलाई, 2020 तक
  • अनलॉक तृतीय    1 अगस्त - 30 अगस्त, 2020 तक
  • अनलॉक चतुर्थ    1 सितम्बर - 30 सितम्बर, 2020 तक
  • अनलॉक पंचम    1 अक्टूबर - 31 अक्टूबर, 2020 तक
  • अनलॉक छठा     1 नवम्बर - 30 नवम्बर, 2020 तक

इन सभी अनलॉक की प्रक्रियाओं में समय-समय पर सभी आवश्यक गतिविधियों की स्वीकृतियां प्रदान की गयी। जैसेंः 8 जून से सरकार द्वारा सभी माल्स, धार्मिक स्थान, रेस्टोरेन्ट, होटल्स को पुनः खोले जाने की अनुमतियां प्रदान की गयी, इस दरम्यान स्कूलों को पूरी तरह से बन्द करने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया। तथा अगस्त, 2020 तक सभी मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन के पार्क, जिम, स्वीमिंग पूल आदि को बन्द करने का ही फैसला लिया गया।

पूरे देश में लॉकडाउन होते ही अन्य राज्यों में कार्य करने वाले मजदूरों के ऊपर खाने पीने का संकट उत्पन्न हो गया। क्योंकि फेज 1 के लॉकडाउन में ही कई मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया था, जिसके कारण कई मजदूर अन्य राज्यों से अपने घरों के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये, बहुत बड़ी संख्या में इन लोगों के पलायन से सरकार को भी काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। वाहनों के न चलने के कारण कई मजदूर, कारीगर कई दिनों तक पैदल चलकर अपने घरों को पहुंचे। स्थिति भयावह होते देख सरकार द्वारा कई मजदूरों को बसों, रेलगाड़ियों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

इस कार्य में बहुत सारे सामाजिक संगठनों द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से भी कई लोगों के द्वारा मजदूरों के खाने-पीने से लेकर उनके आवागमन का भी ध्यान दिया गया। और लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम भी किया गया।

आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर अनलॉक में ढील दी गयी, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियां तेज गयी। कई लोग इस दौरान बेरोजगार भी हो गये, तो कई लोगों को कम्पनियों द्वारा भुगतान भी नही किया गया।

कितने देश इस महामारी से प्रभावित हुये।

ये महामारी ऐसी थी कि जिससे कोई भी देश अछूता नही रहा। अर्थात् सभी देश इस महामारी से पीड़ित हुए। 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इसने तबाही मचा दी, उस वक्त अमेरिका में ट्रम्प की सरकार थी। 

अब 2021 में इसने सबसे ज्यादा हमारे देश को नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण कई लोग अकाल ही काल के गाल में समा गये। अभी भी कई देश इस महामारी से जूझ रहे हैं। जिनमें भारत देश सबसे ऊपर आ चुका है। इस द्वितीय लहर के कारण भारत में इस महामारी ने बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।

वैसे तो कई देश ऐसे है जो वर्तमान में भी इस महामारी से जूझ रहे हैं, जहां अभी भी लाखों में एक्टिव केसेज मौजूद है। और हर देश अपने स्तर से इस पर काबू पाने का प्रयास कर रहे है। यहां पर उन दस देशों की सूची है, जहां पर अभी भी लाखों की तादाद में टोटल केसेज है।

आइये जानते है आज की तारीख तक कौन से देश हैं।

1.संयुक्त राज्य अमेरिकाः 34,022,764

2.भारतः 27,729,247

3.ब्राजीलः  16,392,657

4.फ्रांसः 5,646,897

5.तुर्कीः 5,228,322

6.रशियाः 5,053,748

7.यूनाइटेड किंगडमः 4,477,705

8.इटलीः 4,209,707

9.अर्जेंटीनाः 3,702,422

10.जर्मनीः 36,80,159

इन टोटल केस के अलावा इन देशों में मृत्यु के आंकड़े दिनांकः 29.05.2021 तक क्रमशः इस प्रकार है।

  • अमेरिका- 608,961
  • भारत- 322,512
  • ब्राजील- 459,171
  • फ्रांस- 109,290
  • तुर्की- 47,134
  • रूस- 120,807
  • यू.के.- 127,768
  • इटली- 125,919
  • अर्जेंटीना- 76,693
  • जर्मनी- 88,884

ये समस्त आंकड़े worldometers.info की है जो प्रतिदिन अपने आंकड़ों को अद्यतन करती रहती है। और इस वेवसाइट के आंकड़े कई देशों द्वारा प्रमाणित भी हैं। इस वेबसाइट पर सभी देशों के एक्टिव केसेस, मृत्यु के आंकड़े, ठीक हो चुके मरीजों की सूचना, कुल टीकाकरण की स्थिति, जनसंख्या इत्यादि की पूरी जानकारी मिलती है।

ये तो कुछ आंकड़े थे जहां पर सबसे ज्यादा टोटल केसेस है, और ये देश अभी भी महामारी से जूझ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे देश भी है, जहां पर टोटल केसेस की संख्या न के बराबर रह गयी है.

इन देशों में टोटल केसेस की संख्या इस प्रकार है।

जैसेः
  1. माइक्रोनेशियाः 1  
  2. समोआः 3
  3. वेटिकन सिटीः 27
  4. मकाऊः 51 
  5. अंगीलाः 109
  6. न्यू केलीडोनियाः 128
  7. ग्रेनाडाः 161
  8. डोमिनिकाः 188
  9. सोलोमन आइसलैंडः 20
  10. वेस्टर्न सहाराः 10
(ये समस्त आंकड़े worldometers.info की है)

इन सभी देशों में से सिर्फ वेस्टर्न सहारा में सिर्फ 1 लोगों की मृत्यु हुयी है। इन आंकड़ों से ही प्रदर्शित हो रहा है कि इन देशों में न के बराबर टोटल केसेस आये, और बहुत जल्दी से रिकवर भी हो गये।

अभी तक हमारे द्वारा उक्त महामारी के कारण, और आंकड़ों पर विस्तार से चर्चा की गयी।
आइये अब बात करते है कि इस महामारी ने कितना नुकसान पहुंचाया हमारी अर्थव्यवस्था को।

जबसे महामारी आयी, तबसे देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कई प्रदेशों की अर्थव्यवस्था भी चरमराने लगी थी। लम्बे समय तक लॉकडॉउन रहने के कारण रेलवे मंत्रालय जो देश का सबसे बड़ा उपक्रम है, भी बन्द था, जिसके कारण राजस्व में भारी कमी आयी, 17-18 लाख कर्मचारियों को वेतन देना भी एक चुनौती से कम नही था, जब देश में एक भी ट्रेन नही चल रही थी। लॉकडाउन के कारण कई बड़ी कम्पनियों में ताले लटक गये, उत्पादन भी नही हो रहा था, कई आवश्यक चीजों के दाम आसमान छूने लगे थे, जिसका फायदा जमाखोंरो ने उठाया।

लाखों लोगों को बेरोजगार हो जाने से कई लोगों को वेतन नही मिल पाया, जिसके कारण वह न तो किराये का भुगतान कर पा रहे थे, और ना ही अपनी किसी भी प्रकार की किश्त का भुगतान करने में समर्थ थे।
2020 में इतनी भयावह स्थिति नही थी, उस वक्त के आंकड़ों पर गौर करें तो उस समय देश में एक्टिव केसों की संख्या बहुत कम थी, उसका सबसे बड़ा कारण पूरे देश में लॉकडॉउन था।
परन्तु 2021 में पूरा देश खुल तो गया, लेकिन मृत्यु का आंकड़ा बहुत बढ़ गया। 


आइये अब 2021 की कुछ रोचक और महत्वपूर्ण कारणों पर गौर करते है, जिसके कारण देश में केसों की संख्या बहुत बढ़ गयी।

वैसे बहुत से ऐसे कारण थे, जिसके कारण हमारे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती चली गयी। कुछ इस प्रकार है।
(1)- जबसे लॉकडाउन हुआ, सरकार द्वारा बार-बार निर्देश जारी किये गये, कि कोई भी घरों से बिल्कुल भी न निकले, सिर्फ बहुत महत्वपूर्ण कार्यो के संपादन हेतु ही निकलने की इजाजत दी गयी थी, इसके बावजूद लोगों के द्वारा निर्देशों का पालन नही किया गया।
(2)- सरकार ने मामलों में कमी होते देख अनलॉक की प्रक्रिया को अपनाया, और कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को खोलने की इजाजत इस शर्त के साथ दी कि वे सभी प्रतिष्ठान सरकारी निर्देशों का पालन तो करेगें ही, साथ ही साथ कोविड नियमों का कड़ाई से पालन भी सुनिश्चित करेगें। लेकिन उनके द्वारा नियमों में ढील गयी जिसके कारण केसेस बढ़ने लगें।
(3)- हॉल ही हुये पाँच राज्यों यथा पश्चिम बंगाल, असाम, केरल, तमिलनाडु तथा पुडुच्चेरी के विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों में प्रशासन द्वारा कोविड नियमों का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से गुजारिश भी की गयी थी, बावजूद इसके लोगों के द्वारा न तो सामाजिक दूरी का पालन किया गया, और न ही किसी प्रकार के कोविड नियमों का पालन ही किया गया। जिसके कारण तेजी से कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी।
(4)- सिर्फ भारत में ही नही अपितु विश्व का शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका भी इस महामारी से अपने देश को नही बचा पाया, क्योंकि 2020 में अमेरिका में भी स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी, इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगातार रैलियां की गयी, और हार के बाद उनकी पार्टियों के समर्थको द्वारा उत्पात भी मचाया, जिसके कारण अमेरिका में भी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ गये।
(5)- सरकार द्वारा विवाह, धार्मिक अनुष्ठान हेतु सिर्फ सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति के लिए निर्देश दिया था, इसके बावजूद कई लोगों द्वारा विवाह में भीड़ इकट्ठा की गयी, जिससे मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी।
(6)- हाल ही उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जिले में हुये कुम्भ स्नान को अनुमति देना भी, भारी पड़ गया, लाखों लोगों द्वारा कुम्भ में स्नान करने से बहुत तेजी से कोरोना का प्रसार हुआ, वहां पर किसी के द्वारा किसी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही किया गया, प्रशासन ने भी कह दिया कि इस तरह की भीड़ को काबू करना, अथवा कोविड के नियमों का पालन करवा पाना आसान नही है। 
(7)- उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही सम्पन्न हुये पंचायत चुनाव के भी मामलों में बहुत तेजी आयी, और ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत तेजी से केस बढ़ने लगे। पंचायत चुनाव, प्रधानी चुनाव में लोगों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार किया गया, और मतदान वाले दिन तथा मतगणना वाले दिन किसी भी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही करने से केस बढ़ गये।
(8)- टीकाकरण केन्द्रों पर भी लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही किया गया, सभी में सबसे पहले वैक्सीन लगवाने की होड़ थी, जिसके कारण वो किसी भी नियम का पालन नही कर रहे थे। ये भी सबसे बड़ा कारण रहा।
(9)- सब्जी मण्डियों, किराना की दुकानों, बड़े प्रतिष्ठानों आदि में भी किसी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही किया गया, मण्डियों में कई व्यापारियों द्वारा मास्क भी नही पहना जाना भी इस महामारी के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण रहा।
(10)- विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार, राज्य सरकार, डॉक्टर तथा प्रशासन द्वारा लोगों से बार-बार यही अपील की जाती रही कि कोविड नियमों का पालन करने हेतु कहा गया, परन्तु बहुत लोगों द्वारा उक्त नियमों को न पालन करते हुए सिर्फ यही कहा गया कि ’’उनको कोरोना हो ही नही सकता’’। 
कई अस्पताल के बड़े डॉक्टरों द्वारा भी बुलेटिन जारी करके लोगों को यही संदेश दिया गया कि कोविड नियमों के पालन से ही हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा इन नियमों को दरकिनार किया गया, जिसका खामियाजा अन्य स्वस्थ लोगों को भी भोगना पड़ा।
(11)- इधर हाल ही में कुछ दिनों से कोरोना वायरस के साथ-साथ Mucormycosis जो एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन है कि वजह से भी कई लोग गंभीर तरीके से बीमार हो रहे हैं। ये इन्फेक्शन बहुत तेजी से शरीर में फैलता है, जो इंसान के फेफड़ों, मस्तिष्क तथा स्किन पर भी असर डालता है।


आइये अब बात करते हैं कि इस महामारी से कैसे बचें।

1- जिस प्रकार से देश में संक्रमण का प्रसार तेजी से फैल रहा है.उसको देखते हुए सिर्फ सरकार ही नही बल्कि लोगों को भी इस बात के लिए जागरूक होने की जरूरत है कि अनावश्यक रूप से घर से बिल्कुल भी बाहर नही निकलना है। क्योंकि बाहर सिर्फ आपको संक्रमण ही मिलेगा इसके अलावा कुछ भी नही।
2- डब्ल्यू.एच.ओ. भारत सरकार राज्य सरकारें तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा सभी बड़े डॉक्टर भी इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि बिना मॉस्क आपको अपने घर से कहीं भी नही निकलना है।

3- किसी भी वैवाहिक कार्यक्रम सभा रैली अथवा भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना है। क्योंकि भीड़ में कई संक्रमित आपको घूमते हुए मिल जायेगे।
4- कहीं भी बाहर से आकर अपने परिवार के सीधे सम्पर्क में बिल्कुल भी नही आना है। क्योंकि बाहर से आकर आप एक कैरियर के रूप में संक्रमण को लेकर चल रहे होते है।

5- बार.बार डॉक्टरों द्वारा ये कहा जा रहा है कि आपको अपनी साफ.सफाई का ध्यान देना है हाथों को बार.बार धोना है. अपने हाथों से बार बार अपने मुंह को नही छूना है।
6- सरकार द्वारा बताये गये उन सारे कोविड नियमों का पालन करना है।

7- सरकार द्वारा पहले सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों हेतु ही टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था लेकिन 1 मई 2021 से इसे 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के लोगों को भी टीकाकरण हेतु पंजीकरण प्रारम्भ कर दिया गया है। इसलिए वैक्सीनेशन जरूर करवायें। इस पोर्टल पर जाकर आज ही आप अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
8- सरकार द्वारा अभी तक दो वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है. पहली है कौवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड। ये दोनों वैक्सीन का उत्पादन भारत में ही हुआ है. और ये पूरी तरह से सुरक्षित है। वैक्सीन का कार्य हमारे शरीर में एण्टीबॉडी का निर्माण करना है। जो इस वायरस से लड़ने में मदद करता है। और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।


आइये अब जानते है कि इस महामारी ने हमें क्या-क्या सिखा दिया।

(1)- चूंकि ये बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने वाली है, लिहाजा इस बीमारी का पता चलते ही लोग एक दूसरे से वास्तविक सामाजिक दूरी बना लेते थे, इस महामारी की वजह से ही इंसान ने मॉस्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाना प्रारम्भ कर ही दिया।
(2)- इस वैश्विक महामारी ने लोगों को लूटने का अवसर भी प्रदान किया, जैसे लॉकडाउन के समय जब आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी तो दुकानदारों द्वारा मनमाना मूल्य छीना जाने लगा। मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा मनमानी कीमत पर सेनेटाइजर, मॉस्क आदि की बिक्री की जाने लगी।
(3)- कई प्राइवेट अस्पतालों द्वारा इस महामारी को कमाई का जरिया माना गया, और मनमानी कीमतों पर इलाज भी प्रारम्भ किया गया, आज भी सरकार तथा प्रशासन द्वारा कई बार आदेश निर्गत किये गये है कि कोई भी अस्पताल इलाज में मनमानी वसूली नही करेंगा। लेकिन इसके बावजूद भी कई अस्पताल मनमानी कीमत वसूल रहें हैं।
(4)- इस दूसरी लहर में पूरे देश में मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने से ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हो गया, जिसका फायदा अस्पतालों ने भरपूर उठाया, एक-एक सिलेण्डर की कीमत सप्लायरों तथा दलालों के द्वारा 40 हजार से भी ज्यादा कीमत पर बेचे गये। उक्त के अलावा मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी एम्बूलेंस चालकों द्वारा निकट दूरी के भी कई-कई हजार रूपये वसूले गये। इन सभी दलालों द्वारा लोगों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाया गया। इन सभी के अलावा सरकार द्वारा जब प्राइवेट लैब को भी जब कोरोना की जांच करने हेतु कहा गया तो लैब संचालकों द्वारा जांच के नाम पर भी वसूली की जा रही है।
(5)- इस महामारी के दौर में ऐसे बहुत सारे संगठनों ने भरपूर सहयोग भी किया, जिसके कारण कई लोगों की मदद हो सकी। व्यक्तिगत रूप से भी कई लोगों ने कई व्यक्तियों की मदद की।
(6)- राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में कई स्तर पर बेहतरीन कार्य किया, देश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए क्रायोजेनिक टैंकर भी विदेशों से मंगवाये गये, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। 
(7)- इस महामारी ने बच्चों को स्कूल से दूर तो कर ही दिया, जिसकी वजह से वो घरों में कैद होने को मजबूर हो गये। ऑनलाइन क्लास लेते-लेते उनका मानसिक विकास नही हो पा रहा है, मोबाइल की स्क्रीन पर घंटों तक बैठने के कारण कई बच्चों में चिड़चिड़ा पन भी आ गया है। 
(8)- इसी के बीच कई लोगों ने ये भी जाना कि वीडियों कॉल करके भी डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श लिया जा सकता है, जिसके कारण कई लोग इस प्लेटफार्म से जुड़े, और घर बैठे ही डॉक्टरों से राय ली गयी।
(9)- जो लोग घर के राशन के लिए अपने घरों से बाहर जाते थे, उनके द्वारा ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से उक्त वस्तुओं को क्रय किया जाने लगा।
(10)- इन सबके बावजूद इस महामारी में फ्रंट पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों, सफाईकर्मियों आदि ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए अपने परिवार से दूरी बनाते हुए अपने कर्तव्यां का समर्पित भाव से निर्वहन किया, जो वास्तव में प्रशंसा के पात्र है। कई डॉक्टर्स, तथा पुलिस कर्मियों की कोरोना से मृत्यु हो जाने पर भी उन सभी लोगां के कार्य में किसी भी प्रकार की कमी नही आयी। जो एक बेहतरीन उदाहरण के साथ हमारे सामने मौजूद है।

अन्तिम निष्कर्ष तथा सरकार द्वारा किये जा रहे बेहतरीन उपाय।

1. भारत विश्व में चाइना के बाद जनसंख्या के मामले में दूसरे नम्बर पर आता है, जहां कि जनसंख्या 1 अरब 30 करोड़ से ऊपर है, इतनी बड़ी आबादी में यदि कोई महामारी फैलती है, तो सरकार उसके बचाव करने में असमर्थ हो जाती है, इस महामारी के कारण भारत के सभी अस्पताल भर गये, तथा दवाओं की आपूर्ति भी ठीक से नही हो पा रही थी, लेकिन सरकार द्वारा लगातार इस दिशा में कार्य किया गया, तथा लॉकडाउन में भी ढील नही दी गयी, जिसके कारण आज की तारीख में केसों की संख्या कुछ कम होने लगी है।
2. जागरूकता संदेश के माध्यम से सरकार द्वारा समय-समय पर लोगों को इस महामारी से बचाव के उपाय बताये गये, जिससे काफी लोगों ने सरकार के कोविड नियमों का पालन किया, जिससे मामलों में गिरावट आने लगी है।
3. सरकार द्वारा द्वारा कई बड़े होटलों, प्रतिष्ठानों, और इमारतों को अस्थायी अस्पतालों के रूप में परिवर्तित कर दिया जिससे लोगों को इलाज में समस्या ना हो।
4. पहले सरकार द्वारा सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा था, परन्तु दिनांक 1 मई से सरकार ने 18 वर्ष से 44 वर्ष के आयु के लोगों को टीकाकरण प्रारम्भ करने के निर्देश दे दिये गये, जिसके कारण इस आयु वर्ग के लोगों का भी टीकाकरण हो रहा है।
5. टीकाकरण होने से आज की तारीख में 21 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। और बहुत तेजी से टीकाकरण का कार्य चल रहा है। डॉक्टरों, स्वास्थ्य मंत्रालय तथा राज्य सरकारों द्वारा जोर देकर टीकाकरण करवाने हेतु कहा जा रहा है, क्योंकि टीकाकरण के माध्यम से ही इस महामारी से निपटा जा सकता है।
6. सरकार तथा डॉक्टरों का यही कहना है कि यदि आपको हल्के लक्षण है तो आप अपने घर पर ही आइसोलेशन हो जाये, और सरकार द्वारा कोविड नियमों का पालन करें, हमेशा मॉस्क पहनकर रखे, तथा ऐसे कमरे में रहें, जहां पर खिड़की मौजूद रहे, जिसमें क्रास वेन्टीलेशन की सुविधा भी मौजूद हो।
7. घर पर आइसोलेशन में रहने के दौरान दोनों समय भॉप ले, गरारा करें, आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बताये आर्युवेदिक आयुष काढे़ का भी प्रयोग करें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहेगी।
8. हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहे, तथा सेनेटाइजर का प्रयोग जरूर करते रहे, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जाने से बचे। वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक समारोह तथा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें।
9. भारत सरकार ने तथा हॉल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अपने परिवार से बिछड़ चुके बच्चों को पीएम केयर्स फण्ड से आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी 4000 प्रत्येक माह देने की घोषणा की गयी है।
10. भारत सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु इसके बावजूद कहीं ना कहीं कमियां परिलक्षित हो जाती है, इसके लिए जरूरी है कि अनावश्यक रूप से हमें संक्रमित होने से बचना है, और सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करना है।

सरकार टीकाकरण हेतु कहा है हमें टीके की दोनों डोज लेनी है, जिससे हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी बन सके, और हम सभी इन महामारियां से बच सकें। और एक न एक दिन इस बीमारी पर हम सभी विजय जरूर प्राप्त कर लेगें।

























 


 



































 


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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गोविन्द भण्डारी है मेरी उम्र 35 वर्ष है। अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र से एम.ए (परास्नातक) करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में कार्यरत हूँ। मुझे कम्प्यूटर पर कार्य करना सबसे ज्यादा पसन्द है और मैं अपने समय का 30 प्रतिशत से भी ज्यादा समय कम्प्यूटर पर डिजाइनिंग, सर्फिंग, और अन्य रोचक जानकारियों को इकट्ठा करने में ही बिताता हूँ। मुझे ब्लॉग लिखना, नेट सर्फिंग करना, फोटोग्राफी करना, किताबें पढ़ना, रोचक जानकारियों को इकट्ठा करना, घूमना, बहुत ज्यादा पसन्द है। उक्त के अलावा मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ी और हर प्रकार की जानकारी रखना, सीखना पसन्द करता हूँ। उक्त के अलावा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन डिजाइनिंग, और मोबाइल एवं कम्प्यूटर के टिप्स एवं ट्रिक्स के बारे में भी सभी जानकारियों को सीखना मुझे पसन्द है। आशा करता हूँ कम शब्दों में दी गयी मेरे बारे में जानकारी आपकों पसन्द आयी होगी।

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