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18/5/21

What is Black Fungus? what is mucormycosis, ब्लैक फंगस से कैसे बचें? म्यूकरमाइकोसिस क्या है, इसकी दस बातें

क्या है ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस 

What is Black Fungus? what is mucormycosis, ब्लैक फंगस से कैसे बचें? म्यूकरमाइकोसिस क्या है, इसकी दस बातें
इधर हाल ही में कुछ दिनों से कोरोना वायरस के साथ-साथ Mucormycosis जो एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन है कि वजह से भी कई लोग गंभीर तरीके से बीमार हो रहे हैं। ये इन्फेक्शन बहुत तेजी से शरीर में फैलता है, जो इंसान के फेफड़ों, मस्तिष्क तथा स्किन पर भी असर डालता है। और कई लोगों में इस इन्फेक्शन के कारण आंखों की रोशनी भी चली जा रही है। अगर समय पर इस इन्फेक्शन का इलाज नही किया जाता है, तो इंसान की मौत भी हो जाती है।

किन लोगों को है ज्यादा खतराः

1.डॉक्टरों का कहना है कि जो मरीज कोरोना से संक्रमित होने से पहले अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित चल रहा है, उनमें इसका खतरा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि ऐसे मरीजो पर ये बहुत तेजी से हावी होता है।



2.जो लोग डायबिटीज से ग्रसित है, अथवा गुर्दे की बीमारी से भी पीड़ित है, उन्हें भी इससे खतरा हो सकता है।



3. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर है, उन्हें ये इंन्फेक्शन बहुत तेजी से अपना शिकार बनाता है।


कई राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के कई मामले आ चुके है, जिसके कारण कई लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान में इस बीमारी के कई मरीज भर्ती है। जहां पर इन सभी का इलाज चल रहा है.



ब्लैंक फंगस के लक्षण


1. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लक्षण भी लगभग कोरोना से मिलते जुलते ही है, जिसमें बुखार आना, खांसी आना, सिर में दर्द होना है।


2. उक्त के अलावा सांस लेने में मरीज को तकलीफ हो सकती है, आंख और नाक के पास दर्द होना, लाल छाले अथवा फुंसी हो जाना भी इस इन्फेक्शन के लक्षण हो सकते है।



3. कुछ मरीजों में आंखों में दर्द, पेट दर्द की भी शिकायत करते हुए भी देखा गया है। अभी हाल ही में समाचार पत्रों के माध्यम से इस इन्फेक्शन के द्वारा कई लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की खबरें भी आयी है, जो वास्तव में चिंताजनक भी है।



अब चूंकि इस तरह के मामले लगभग सभी जगह देखने को मिल रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से इस पर काम भी कर रही है। और कई राज्यों ने इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड भी बनाये है।

लक्षण दिखने पर क्या करें।



1. ऊपर बताये गये लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण यदि दिखायी देता है तो तुंरत अपने चिकित्सक से परामर्श ले तथा उनके द्वारा बताये अनुसार इलाज करवाये।


2. डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इसका इलाज प्रारम्भ कर दिया जाये, तो इस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है।


3. ज्यादा स्टेरॉयड के इस्तेमाल कम करना, अपने डायबिटीज को नियंत्रित करना सबसे ज्यादा जरूरी है, बिना इसके इस रोग पर नियंत्रण नही पाया जा सकता है।


4. लक्षण दिखने पर डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट के लिए कहेंगे, जिससे इस बात की पुष्टि हो जायेगी कि आप उक्त इन्फेक्शन की चपेट में है, उसी आधार पर डॉक्टर आपका इलाज प्रारम्भ करेंगें, कुछ एंटीफंगल दवाइयों, तथा एंटीफंगल थेरेपी से डॉक्टर आपका इलाज करेंगे।, डॉक्टर द्वारा बताये गये निर्देशों का पालन करते हुए अपना इलाज करवाये।



5. डॉक्टरों द्वारा बार-बार इस बात को दोहराया जाता है कि इस कोरोना वायरस अथवा इस तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए हमें नियमित रूप से अपने हाथों की साफ-सफाई का ध्यान देना है और मॉस्क जरूर पहनना है, इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकती है।



इन सभी के अलावा BLACK FUNGUS या MUCORMYCOSIS जैसे किसी भी लक्षण के दिखने पर इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नही करना है, और सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर से ही सम्पर्क करना है,


यथाः

  • यदि आंखों की समस्या है तो नेत्र रोग विशेषज्ञ,
  • फेफड़ों की समस्या है तो चेस्ट रोग विशेषज्ञ,
  • और यदि त्वचा में कोई समस्या उत्पन्न हो रही हो तो सिर्फ त्वचा रोग विशेषज्ञ से ही सलाह ले।



सबके अलावा स्वयं डॉक्टर न बने, और किसी भी रिश्तेदार अथवा गैर विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेने से बचे। समय पर इलाज चालू हो जाने पर इस बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा।

डॉक्टर स्टेरॉयड लेने की सलाह कई जांचोपरान्त ही देते हैए इसलिए बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी प्रकार के स्टेरायड का सेवन नही करना है 


जब तक कि डॉक्टर इस बात की पुष्टि नही कर लेते कि आपको वास्तव में स्टेरॉयड की जरूरत है।

चूंकि ये FUNGUS उन्ही लोगों पर हमला कर रहा है, जो अभी हॉल ही इस कोरोना महामारी से ग्रसित हुए है।



खासतौर से ये उन लोगों को अपना शिकार बना रहा है, जिन्हें कोरोना बीमारी के दौरान डेक्सामेथासोन जैसी अन्य स्टेरॉयड दवाईयां दी गयी हों।, जिन लोगों का डायबिटिज पर अच्छा नियंत्रण ना हो। किसी भी प्रकार के ट्रांसप्लान्टेंशन की दवा चल रही हो या कोरोना का मरीज ऑक्सीजन लेने हेतु जीवन रक्षण प्रणालियों पर रहा हो। उन्हे सबसे ज्यादा खतरा होने की संभावना है।

इसको भी पढ़िये।



1- कोरोना से बचने के वो सारे उपाय जो आप सभी को मालूम होना जरूरी है।


2- हॉल ही में देश के जाने-माने डॉक्टरों द्वारा कोरोना महामारी से बचने हेतु बेहतरीन चर्चा की थी, उसे पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।


3- भारत सरकार द्वारा 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के नागरिकों के लिए भी टीकाकरण का प्रारम्भ कर दिया गया, रजिस्ट्रेशन के लिए यहां पर क्लिक करें। और आज ही अपना और अपने परिवार का पंजीकरण करवाये।











   




















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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गोविन्द भण्डारी है मेरी उम्र 35 वर्ष है। अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र से एम.ए (परास्नातक) करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में कार्यरत हूँ। मुझे कम्प्यूटर पर कार्य करना सबसे ज्यादा पसन्द है और मैं अपने समय का 30 प्रतिशत से भी ज्यादा समय कम्प्यूटर पर डिजाइनिंग, सर्फिंग, और अन्य रोचक जानकारियों को इकट्ठा करने में ही बिताता हूँ। मुझे ब्लॉग लिखना, नेट सर्फिंग करना, फोटोग्राफी करना, किताबें पढ़ना, रोचक जानकारियों को इकट्ठा करना, घूमना, बहुत ज्यादा पसन्द है। उक्त के अलावा मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ी और हर प्रकार की जानकारी रखना, सीखना पसन्द करता हूँ। उक्त के अलावा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन डिजाइनिंग, और मोबाइल एवं कम्प्यूटर के टिप्स एवं ट्रिक्स के बारे में भी सभी जानकारियों को सीखना मुझे पसन्द है। आशा करता हूँ कम शब्दों में दी गयी मेरे बारे में जानकारी आपकों पसन्द आयी होगी।

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