-->

3/7/21

What is One Country One Ration card Scheme आखिर क्या है एक देश, एक राशन कार्ड योजना?, इस योजना के क्या लाभ है किसको मिलेगा इसका लाभ?

 आखिर क्या है एक देश, एक राशन कार्ड योजना?


भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2019 से पूरे देश में "एक देश, एक राशन कार्ड योजना" (One Country One Ration card Scheme) का प्रारम्भ किया गया, जिसका उद्देश्य देश के समस्त प्रवासी मजदूरों को राशन उपलब्ध करवाना था। ये भारत सरकार की एक ऐसी महत्वपूर्ण योजना है, जिसका लाभ भारत देश में निवास कर रहे सभी मजदूरों को जो काम के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। कोरोना जैसी महामारी में इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को राशन मिलेगा, जिनके पास अब कोई काम भी नही है।

What is One Country One Ration card Scheme आखिर क्या है एक देश, एक राशन कार्ड योजना?, इस योजना के क्या लाभ है किसको मिलेगा इसका लाभ?


आइये जानते है कैसे मिलेगा इसका लाभः

यह योजना पूरे देश में 2019 से लागू है, जिसका लाभ देश के सभी राज्यों और केन्द्रशासित  प्रदेशों के मजदूरों को ही मिलना है। इसके लिए भारत सरकार एक डेटाबेस तैयार कर रही है, जिसके माध्यम से लाभार्थी को इसका लाभ मिल सकेगा। डेटाबेस तैयार होने से प्रवासी मजदूर चाहे किसी भी राज्य में रहे उसके राशन मिलता रहेगा। अभी हाल ही में देश की  सर्वोच्च अदालत द्वारा केन्द्र सरकार से इस विषय पर जानकारी भी मांगी गयी कि वास्तव में डेटाबेस तैयार हुआ अथवा नही, जिसके जवाब में केन्द्र सरकार की तरफ उपस्थित सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता द्वारा बताया गया कि अभी इसके लिए अभी केन्द्र सरकार को और समय की जरूरत है।

सर्वोच्च अदालत द्वारा यह भी पूछा गया कि प्रधानमंत्री "गरीब कल्याण योजना" के तहत  नवम्बर तक प्रवासी मजदूरों को राशन कैसे प्राप्त होगा, जिनका राशन कार्ड नही बना है, इसके जवाब में सॉलिसीटर जनरल द्वारा बताया गया कि राज्यों को 8 लाख मीट्रिक टन  खाद्यान दिया गया है, अब राज्यों को इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करनी है।


पीठ के द्वारा यह भी कहा गया कि "गरीब कल्याण योजना" के तहत प्राप्त आपूर्ति सभी लाभार्थियों तक पहुंचे, और योजना को अस्थायी रूप से उन लोगों के लिए भी विस्तारित करने का प्रयास किया जाना चाहिए, जिनके पास अभी भी राशन कार्ड नही हैं।


आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए सरकार क्या कर रही है?:-

जैसा कि बताया गया है कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सरकार एक बेहतरीन डाटाबेस तैयार कर रही है, जिसमें सभी मजदूरों को जोड़ने की व्यवस्था की गयी है, डाटाबेस में मजदूर के जुड़ जाने से सबसे बड़ा लाभ ये होगा, सिर्फ एक क्लिक पर ही मजदूर की जानकारी मिल जायेगी, और यदि वह देश के किसी भी कोने में होगा तो भी उसे राशन मिल जायेगा।

चूंकि "गरीब कल्याण योजना" भी सरकार की महत्वपूर्ण योजना Important Scheme है, और इस योजना के तहत भी सरकार सभी को राशन देने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस योजना के तहत दीपावली तक उन सभी लोगों को राशन मिलता रहेगा, जिससे उनके सामने खाने का संकट उत्पन्न न हो सकें। अभी हाल ही कोविड की वजह से इस कार्य में अत्यधिक बिलम्ब हुआ है, सरकार द्वारा इसके लिए शीर्ष अदालत से भी अतिरिक्त समय की मांग की गयी है, जिससे डाटाबेस तैयार करके जल्द से जल्द आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके।


कोरोना के कारण ही कई मजदूरों की नौकरी चली गयी और उनके सामने खाने का संकट उत्पन्न हो गया इस स्थिति से निपटने के लिए ही सरकार द्वारा गरीब कल्याण योजना लाई गईजिसके माध्यम से लगभग 80 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को मुफ्त में अनाज देने की योजना है, केन्द्र सरकार द्वारा इसकी आपूर्ति हेतु ही इस प्रकार के डेटाबेस की जरूरत है, जिसके माध्यम से लाभार्थी को इसका पूरा लाभ मिल सके।


कोविड के कारण इस कार्य में बिलम्ब भी हुआ और उन मजदूरों के सामने भोजन का संकट भी खड़ा हो गया, जिसके कारण आपूर्ति ठीक प्रकार से नही हो सकी, अभी हाल में कोरोना के मामलों में तेजी से गिरावट आने के कारण सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है, और असंगठित मजदूरों का डाटाबेस भी तैयार किया जा रहा है , जो भविष्य में खाद्यान आपूर्ति की दिशा में बेहतरीन मील का पत्थर साबित होगा।


सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में यह योजना लागू है, और इस योजना के अर्न्तगत किसी भी क्षेत्र विशेष के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य में पीडीएस राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकते हैं, और ये बात जगजाहिर है कि इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ प्रवासी मजदूरों/असंगठित मजदूरों को ही होगा। तथा इन मजदूरों को पूरी सुरक्षा मिलेगी।


पीडीएस के जो लाभार्थी है उनकी पहचान उनके आधार कार्ड पर ईपीओएस (इलेक्ट्रॉनिक्स पाइंट ऑफ सेल) के माध्यम से की जा सकती है, योजना को लागू करने के लिए सभी पीडीएस राशन की दुकानों पर भी पीओएस (POS) मशीन लगाया जाना है। इसके होते ही एक देश, एक राशन कार्ड योजना में इसको शामिल कर लिया जायेगा।

परन्तु अभी भी पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली आदि राज्यों द्वारा इस योजना को लागू नही किया जा सका है।


योजना को लागू करने में किस प्रकार की दिक्कतें होती है?:-

1.चूंकि ये योजना पूरे भारत के सभी राज्यों में लागू होनी है, और करोड़ों लोगों को इस योजना का लाभ भी मिलना है। और भारत जैसे विशाल देश की आबादी को इस योजना से जोड़ना किसी चुनौती से कम भी नही है, सभी प्रवासी मजदूरों, असंगठित मजदूरों के नाम डाटाबेस में जोड़ना बहुत बड़ा कार्य है, जिसके लिए निरंतरता की सख्त जरूरत है।


2. भारत में कई ऐसे राज्य है जहां पर अभी इस दिशा में कोई कार्य भी प्रारम्भ नही हो सका है, उसका सबसे बड़ा कारण केन्द्र और राज्यों में समन्वय की कमी। कई राज्य इसे लागू करने की दिशा में कोई रूचि भी नही दिखा रहे हैं, जिसके कारण भी अनावश्यक बिलम्ब हो रहा है, चूंकि ये एक "केन्द्रीय योजना" है, इसलिए गैर भाजपा शासित राज्यों में इसे लागू करना भी एक बहुत बड़ी चुनौती है।


3. चूंकि सभी पीडीएस राशन की दुकानों पर पीओएस मशीनों को भी लगाया जाना है, वो भी एक बड़ी चुनौती के रूप में सरकार के सामने है, और इस कार्य के लिए ई-पीओएस मशीनों की जरूरत है, जो बिना नेटवर्क के काम नही करती है, कई क्षेत्र ऐसे है जहां पर कनेक्टिविटी की समस्या आम बात है, खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में। इसके कारण भी सरकार को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।


4. केन्द्र सरकार की इस योजना का लाभ प्रवासी मजदूरों को न मिलने का एक कारण और भी है और वो ये है कि राज्य इसका श्रेय स्वयं लेना चाहते है और अपने राज्य में अपनी योजनाओं को लागू करना चाहते है, जिसके कारण गरीब मजदूरों को उनका हक नही मिल पाता है।


5.  "एक देश और एक राशन कार्ड योजना" का लाभ लेने हेतु मजदूरों का आधार, राशन कार्ड से लिंक्ड होना जरूरी है तभी इस योजना का लाभ लाभार्थी को मिल सकता है, अन्यथा नही, परन्तु अभी भी करोड़ों लोग ऐसे है, जिनका राशन कार्ड उनके आधार से लिंक नही हो पाया है जिसका खामियाजा गरीब मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है।

 

अब यदि सभी असंगठित मजदूरों/श्रमिकों का डेटाबेस तैयार हो जायेगा तो इसका लाभ सभी को जरूर मिलेगा। बस जरूरत है इस दिशा में निरन्तर प्रयास किये जाने की। राज्यों को भी इस योजना में केन्द्र सरकार का पूर्ण सहयोग करना चाहिए जिससे इसका लाभ सभी मजदूरों को मिल सकें, और कोई भी गरीब भूखा न सो पाये।


अब देखना है कि केन्द्र सरकार इस दिशा में किस स्तर पर तेजी से कार्य करती है, यदि असंगठित मजदूरों को इस योजना से जोड़ना है तो इस दिशा में तेजी से केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी तेजी से प्रयास करने होगें, क्योकिं ये एक बहुत बड़ी योजना है, और इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों का डाटाबेस तैयार करना बहुत बड़ी चुनौती बनकर केन्द्र के सामने है, इसलिए राज्य सरकारों को केन्द्र के साथ समन्वय स्थापित करके इस योजना को लागू किये जाने की दिशा में तेजी से प्रयास करना होगा, तभी करोड़ों लोगों को सरकार की इस योजना का लाभ मिल पायेगा। 

 

आशा है केन्द्र सरकार की योजना एक देश एक राशन कार्ड से सम्बन्धित सभी जानकारी आप सभी को जरूर पसंद आयी होगी।

अपने विचारों को हमारे साथ जरूर साझा करें।

ये आर्टिकल सिर्फ आपके लिए है।










 

Previous Post
Next Post

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम गोविन्द भण्डारी है मेरी उम्र 35 वर्ष है। अंग्रेजी तथा समाजशास्त्र से एम.ए (परास्नातक) करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सेवा में कार्यरत हूँ। मुझे कम्प्यूटर पर कार्य करना सबसे ज्यादा पसन्द है और मैं अपने समय का 30 प्रतिशत से भी ज्यादा समय कम्प्यूटर पर डिजाइनिंग, सर्फिंग, और अन्य रोचक जानकारियों को इकट्ठा करने में ही बिताता हूँ। मुझे ब्लॉग लिखना, नेट सर्फिंग करना, फोटोग्राफी करना, किताबें पढ़ना, रोचक जानकारियों को इकट्ठा करना, घूमना, बहुत ज्यादा पसन्द है। उक्त के अलावा मुझे टेक्नोलॉजी से जुड़ी और हर प्रकार की जानकारी रखना, सीखना पसन्द करता हूँ। उक्त के अलावा माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, पावर पाइंट प्रेजेंटेशन डिजाइनिंग, और मोबाइल एवं कम्प्यूटर के टिप्स एवं ट्रिक्स के बारे में भी सभी जानकारियों को सीखना मुझे पसन्द है। आशा करता हूँ कम शब्दों में दी गयी मेरे बारे में जानकारी आपकों पसन्द आयी होगी।

Related Posts