-->

31/5/21

कोरोना महामारी पर विस्तृत रिपोर्ट, निबंध, जानकारी सरकार के दिशा-निर्देश, अपडेट्स और बहुत कुछ इस आर्टिकल में, Information on Detailed reports about Corona epidemic, essays, government guidelines, updates and more in this article

Essay on corona 

कोरोना पर निबन्ध। 

     कोरोना एक ऐसी महामारी जिसका नाम सुनकर संभवतः अब हर व्यक्ति घबरा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस बीमारी ने हमें क्या सिखा दिया? नही तो जानिये ऐसा क्या सीखा हम सभी ने इस बीमारी के माध्यम से कि आज पूरा संसार इस बीमारी से बचने के वो सारे उपाय करने में लगा हुआ है, जो आज से पहले कभी नही हुयी।

2020 में जब ये महामारी आयी तो किसी ने भी नही सोचा था कि ये महामारी 2021 में पूरे विश्व में तबाही मचा देगी। और आज स्थिति ऐसी है कि इससे बचने को हर एक उपाय प्रत्येक व्यक्ति तलाशने में लगा हुआ है।

यह एक ऐसी महामारी है, जिस पर विस्तार से चर्चा करना अति आवश्यक है, इस विस्तृत निबन्ध के माध्यम से इस वैश्विक महामारी पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।

कोरोना महामारी पर विस्तृत रिपोर्ट, निबंध, जानकारी सरकार के दिशा-निर्देश, अपडेट्स और बहुत कुछ इस आर्टिकल में, Information on Detailed reports about Corona epidemic, essays, government guidelines, updates and more in this article
क्या है कोरोना बीमारी और कहां से पैदा हुयी महामारीः- 

कहा जाता है कि सबसे पहला मामला दिसम्बर 2019 में वुहान शहर जिसे हुबेई प्रांत का सबसे बड़ा शहर कहा जाता है, तथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर भी कहा जाता है जो मध्य चाइना में है, से इस बीमारी की उत्पत्ति हुई, और संभवतः दिसम्बर, 2019 में ही भारत के केरल राज्य में इस बीमारी का पहला मामला देखने को आया था। और वहीं से ये अन्य राज्यों में फैलता चला गया।

जब इस महामारी के कुछ मामले अन्य राज्यों में बढ़ने लगे तब भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा पूरे देश में फेज 1 लॉकडॉउन (25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 तक) लगाया गया, चूंकि देश में इस महामारी के मामले बढ़ने लगे थे, इसलिए लॉकडॉउन की निरन्तरता को बनाये रखने के लिए पुनः 15 अप्रैल से 3 मई 2020 तक, तत्पश्चात् 3 मई, 2020 से 17 मई, 2020 तक तथा 18 मई, 2020 से 31 मई, 2020 तक के लिए लॉकडॉउन को बढ़ाना पड़ा। इस दौरान पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन था, सिर्फ अत्यधिक महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग आदि को ही सरकार द्वारा अनुमति दी गयी थी। तथा खाद्य पूर्ति के लिए या तो समय निर्धारित कर दिया गया था, या तो इनकी आपूर्ति घरों पर ही की जाने लगी थी।

चूंकि लॉकडाउन के कारण मामलों में काफी कमी आने लगी थी, तथा मामले कुछ कम होते देख, तथा लोगों के मध्य रोजी, रोटी को लेकर होने वाली समस्या को देखते हुए सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर दिया।

आइये जाने।

देश में कब-कब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।

  • अनलॉक प्रथम    1जून - 30जून, 2020 तक 
  • अनलॉक द्वितीय   1 जुलाई - 30 जुलाई, 2020 तक
  • अनलॉक तृतीय    1 अगस्त - 30 अगस्त, 2020 तक
  • अनलॉक चतुर्थ    1 सितम्बर - 30 सितम्बर, 2020 तक
  • अनलॉक पंचम    1 अक्टूबर - 31 अक्टूबर, 2020 तक
  • अनलॉक छठा     1 नवम्बर - 30 नवम्बर, 2020 तक

इन सभी अनलॉक की प्रक्रियाओं में समय-समय पर सभी आवश्यक गतिविधियों की स्वीकृतियां प्रदान की गयी। जैसेंः 8 जून से सरकार द्वारा सभी माल्स, धार्मिक स्थान, रेस्टोरेन्ट, होटल्स को पुनः खोले जाने की अनुमतियां प्रदान की गयी, इस दरम्यान स्कूलों को पूरी तरह से बन्द करने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया। तथा अगस्त, 2020 तक सभी मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन के पार्क, जिम, स्वीमिंग पूल आदि को बन्द करने का ही फैसला लिया गया।

पूरे देश में लॉकडाउन होते ही अन्य राज्यों में कार्य करने वाले मजदूरों के ऊपर खाने पीने का संकट उत्पन्न हो गया। क्योंकि फेज 1 के लॉकडाउन में ही कई मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया था, जिसके कारण कई मजदूर अन्य राज्यों से अपने घरों के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये, बहुत बड़ी संख्या में इन लोगों के पलायन से सरकार को भी काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। वाहनों के न चलने के कारण कई मजदूर, कारीगर कई दिनों तक पैदल चलकर अपने घरों को पहुंचे। स्थिति भयावह होते देख सरकार द्वारा कई मजदूरों को बसों, रेलगाड़ियों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

इस कार्य में बहुत सारे सामाजिक संगठनों द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से भी कई लोगों के द्वारा मजदूरों के खाने-पीने से लेकर उनके आवागमन का भी ध्यान दिया गया। और लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम भी किया गया।

आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर अनलॉक में ढील दी गयी, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियां तेज गयी। कई लोग इस दौरान बेरोजगार भी हो गये, तो कई लोगों को कम्पनियों द्वारा भुगतान भी नही किया गया।

कितने देश इस महामारी से प्रभावित हुये।

ये महामारी ऐसी थी कि जिससे कोई भी देश अछूता नही रहा। अर्थात् सभी देश इस महामारी से पीड़ित हुए। 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इसने तबाही मचा दी, उस वक्त अमेरिका में ट्रम्प की सरकार थी। 

अब 2021 में इसने सबसे ज्यादा हमारे देश को नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण कई लोग अकाल ही काल के गाल में समा गये। अभी भी कई देश इस महामारी से जूझ रहे हैं। जिनमें भारत देश सबसे ऊपर आ चुका है। इस द्वितीय लहर के कारण भारत में इस महामारी ने बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।

वैसे तो कई देश ऐसे है जो वर्तमान में भी इस महामारी से जूझ रहे हैं, जहां अभी भी लाखों में एक्टिव केसेज मौजूद है। और हर देश अपने स्तर से इस पर काबू पाने का प्रयास कर रहे है। यहां पर उन दस देशों की सूची है, जहां पर अभी भी लाखों की तादाद में टोटल केसेज है।

आइये जानते है आज की तारीख तक कौन से देश हैं।

1.संयुक्त राज्य अमेरिकाः 34,022,764

2.भारतः 27,729,247

3.ब्राजीलः  16,392,657

4.फ्रांसः 5,646,897

5.तुर्कीः 5,228,322

6.रशियाः 5,053,748

7.यूनाइटेड किंगडमः 4,477,705

8.इटलीः 4,209,707

9.अर्जेंटीनाः 3,702,422

10.जर्मनीः 36,80,159

इन टोटल केस के अलावा इन देशों में मृत्यु के आंकड़े दिनांकः 29.05.2021 तक क्रमशः इस प्रकार है।

  • अमेरिका- 608,961
  • भारत- 322,512
  • ब्राजील- 459,171
  • फ्रांस- 109,290
  • तुर्की- 47,134
  • रूस- 120,807
  • यू.के.- 127,768
  • इटली- 125,919
  • अर्जेंटीना- 76,693
  • जर्मनी- 88,884

ये समस्त आंकड़े worldometers.info की है जो प्रतिदिन अपने आंकड़ों को अद्यतन करती रहती है। और इस वेवसाइट के आंकड़े कई देशों द्वारा प्रमाणित भी हैं। इस वेबसाइट पर सभी देशों के एक्टिव केसेस, मृत्यु के आंकड़े, ठीक हो चुके मरीजों की सूचना, कुल टीकाकरण की स्थिति, जनसंख्या इत्यादि की पूरी जानकारी मिलती है।

ये तो कुछ आंकड़े थे जहां पर सबसे ज्यादा टोटल केसेस है, और ये देश अभी भी महामारी से जूझ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे देश भी है, जहां पर टोटल केसेस की संख्या न के बराबर रह गयी है.

इन देशों में टोटल केसेस की संख्या इस प्रकार है।

जैसेः
  1. माइक्रोनेशियाः 1  
  2. समोआः 3
  3. वेटिकन सिटीः 27
  4. मकाऊः 51 
  5. अंगीलाः 109
  6. न्यू केलीडोनियाः 128
  7. ग्रेनाडाः 161
  8. डोमिनिकाः 188
  9. सोलोमन आइसलैंडः 20
  10. वेस्टर्न सहाराः 10
(ये समस्त आंकड़े worldometers.info की है)

इन सभी देशों में से सिर्फ वेस्टर्न सहारा में सिर्फ 1 लोगों की मृत्यु हुयी है। इन आंकड़ों से ही प्रदर्शित हो रहा है कि इन देशों में न के बराबर टोटल केसेस आये, और बहुत जल्दी से रिकवर भी हो गये।

अभी तक हमारे द्वारा उक्त महामारी के कारण, और आंकड़ों पर विस्तार से चर्चा की गयी।
आइये अब बात करते है कि इस महामारी ने कितना नुकसान पहुंचाया हमारी अर्थव्यवस्था को।

जबसे महामारी आयी, तबसे देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कई प्रदेशों की अर्थव्यवस्था भी चरमराने लगी थी। लम्बे समय तक लॉकडॉउन रहने के कारण रेलवे मंत्रालय जो देश का सबसे बड़ा उपक्रम है, भी बन्द था, जिसके कारण राजस्व में भारी कमी आयी, 17-18 लाख कर्मचारियों को वेतन देना भी एक चुनौती से कम नही था, जब देश में एक भी ट्रेन नही चल रही थी। लॉकडाउन के कारण कई बड़ी कम्पनियों में ताले लटक गये, उत्पादन भी नही हो रहा था, कई आवश्यक चीजों के दाम आसमान छूने लगे थे, जिसका फायदा जमाखोंरो ने उठाया।

लाखों लोगों को बेरोजगार हो जाने से कई लोगों को वेतन नही मिल पाया, जिसके कारण वह न तो किराये का भुगतान कर पा रहे थे, और ना ही अपनी किसी भी प्रकार की किश्त का भुगतान करने में समर्थ थे।
2020 में इतनी भयावह स्थिति नही थी, उस वक्त के आंकड़ों पर गौर करें तो उस समय देश में एक्टिव केसों की संख्या बहुत कम थी, उसका सबसे बड़ा कारण पूरे देश में लॉकडॉउन था।
परन्तु 2021 में पूरा देश खुल तो गया, लेकिन मृत्यु का आंकड़ा बहुत बढ़ गया। 


आइये अब 2021 की कुछ रोचक और महत्वपूर्ण कारणों पर गौर करते है, जिसके कारण देश में केसों की संख्या बहुत बढ़ गयी।

वैसे बहुत से ऐसे कारण थे, जिसके कारण हमारे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती चली गयी। कुछ इस प्रकार है।
(1)- जबसे लॉकडाउन हुआ, सरकार द्वारा बार-बार निर्देश जारी किये गये, कि कोई भी घरों से बिल्कुल भी न निकले, सिर्फ बहुत महत्वपूर्ण कार्यो के संपादन हेतु ही निकलने की इजाजत दी गयी थी, इसके बावजूद लोगों के द्वारा निर्देशों का पालन नही किया गया।
(2)- सरकार ने मामलों में कमी होते देख अनलॉक की प्रक्रिया को अपनाया, और कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को खोलने की इजाजत इस शर्त के साथ दी कि वे सभी प्रतिष्ठान सरकारी निर्देशों का पालन तो करेगें ही, साथ ही साथ कोविड नियमों का कड़ाई से पालन भी सुनिश्चित करेगें। लेकिन उनके द्वारा नियमों में ढील गयी जिसके कारण केसेस बढ़ने लगें।
(3)- हॉल ही हुये पाँच राज्यों यथा पश्चिम बंगाल, असाम, केरल, तमिलनाडु तथा पुडुच्चेरी के विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों में प्रशासन द्वारा कोविड नियमों का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से गुजारिश भी की गयी थी, बावजूद इसके लोगों के द्वारा न तो सामाजिक दूरी का पालन किया गया, और न ही किसी प्रकार के कोविड नियमों का पालन ही किया गया। जिसके कारण तेजी से कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी।
(4)- सिर्फ भारत में ही नही अपितु विश्व का शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका भी इस महामारी से अपने देश को नही बचा पाया, क्योंकि 2020 में अमेरिका में भी स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी, इसके बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा लगातार रैलियां की गयी, और हार के बाद उनकी पार्टियों के समर्थको द्वारा उत्पात भी मचाया, जिसके कारण अमेरिका में भी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ गये।
(5)- सरकार द्वारा विवाह, धार्मिक अनुष्ठान हेतु सिर्फ सीमित संख्या में लोगों की उपस्थिति के लिए निर्देश दिया था, इसके बावजूद कई लोगों द्वारा विवाह में भीड़ इकट्ठा की गयी, जिससे मामलों में बढ़ोत्तरी होने लगी।
(6)- हाल ही उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जिले में हुये कुम्भ स्नान को अनुमति देना भी, भारी पड़ गया, लाखों लोगों द्वारा कुम्भ में स्नान करने से बहुत तेजी से कोरोना का प्रसार हुआ, वहां पर किसी के द्वारा किसी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही किया गया, प्रशासन ने भी कह दिया कि इस तरह की भीड़ को काबू करना, अथवा कोविड के नियमों का पालन करवा पाना आसान नही है। 
(7)- उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही सम्पन्न हुये पंचायत चुनाव के भी मामलों में बहुत तेजी आयी, और ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत तेजी से केस बढ़ने लगे। पंचायत चुनाव, प्रधानी चुनाव में लोगों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार किया गया, और मतदान वाले दिन तथा मतगणना वाले दिन किसी भी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही करने से केस बढ़ गये।
(8)- टीकाकरण केन्द्रों पर भी लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही किया गया, सभी में सबसे पहले वैक्सीन लगवाने की होड़ थी, जिसके कारण वो किसी भी नियम का पालन नही कर रहे थे। ये भी सबसे बड़ा कारण रहा।
(9)- सब्जी मण्डियों, किराना की दुकानों, बड़े प्रतिष्ठानों आदि में भी किसी प्रकार के कोविड नियमों का पालन नही किया गया, मण्डियों में कई व्यापारियों द्वारा मास्क भी नही पहना जाना भी इस महामारी के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण रहा।
(10)- विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार, राज्य सरकार, डॉक्टर तथा प्रशासन द्वारा लोगों से बार-बार यही अपील की जाती रही कि कोविड नियमों का पालन करने हेतु कहा गया, परन्तु बहुत लोगों द्वारा उक्त नियमों को न पालन करते हुए सिर्फ यही कहा गया कि ’’उनको कोरोना हो ही नही सकता’’। 
कई अस्पताल के बड़े डॉक्टरों द्वारा भी बुलेटिन जारी करके लोगों को यही संदेश दिया गया कि कोविड नियमों के पालन से ही हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा इन नियमों को दरकिनार किया गया, जिसका खामियाजा अन्य स्वस्थ लोगों को भी भोगना पड़ा।
(11)- इधर हाल ही में कुछ दिनों से कोरोना वायरस के साथ-साथ Mucormycosis जो एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन है कि वजह से भी कई लोग गंभीर तरीके से बीमार हो रहे हैं। ये इन्फेक्शन बहुत तेजी से शरीर में फैलता है, जो इंसान के फेफड़ों, मस्तिष्क तथा स्किन पर भी असर डालता है।


आइये अब बात करते हैं कि इस महामारी से कैसे बचें।

1- जिस प्रकार से देश में संक्रमण का प्रसार तेजी से फैल रहा है.उसको देखते हुए सिर्फ सरकार ही नही बल्कि लोगों को भी इस बात के लिए जागरूक होने की जरूरत है कि अनावश्यक रूप से घर से बिल्कुल भी बाहर नही निकलना है। क्योंकि बाहर सिर्फ आपको संक्रमण ही मिलेगा इसके अलावा कुछ भी नही।
2- डब्ल्यू.एच.ओ. भारत सरकार राज्य सरकारें तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा सभी बड़े डॉक्टर भी इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि बिना मॉस्क आपको अपने घर से कहीं भी नही निकलना है।

3- किसी भी वैवाहिक कार्यक्रम सभा रैली अथवा भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना है। क्योंकि भीड़ में कई संक्रमित आपको घूमते हुए मिल जायेगे।
4- कहीं भी बाहर से आकर अपने परिवार के सीधे सम्पर्क में बिल्कुल भी नही आना है। क्योंकि बाहर से आकर आप एक कैरियर के रूप में संक्रमण को लेकर चल रहे होते है।

5- बार.बार डॉक्टरों द्वारा ये कहा जा रहा है कि आपको अपनी साफ.सफाई का ध्यान देना है हाथों को बार.बार धोना है. अपने हाथों से बार बार अपने मुंह को नही छूना है।
6- सरकार द्वारा बताये गये उन सारे कोविड नियमों का पालन करना है।

7- सरकार द्वारा पहले सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों हेतु ही टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा था लेकिन 1 मई 2021 से इसे 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के लोगों को भी टीकाकरण हेतु पंजीकरण प्रारम्भ कर दिया गया है। इसलिए वैक्सीनेशन जरूर करवायें। इस पोर्टल पर जाकर आज ही आप अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
8- सरकार द्वारा अभी तक दो वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है. पहली है कौवैक्सीन और दूसरी कोविशील्ड। ये दोनों वैक्सीन का उत्पादन भारत में ही हुआ है. और ये पूरी तरह से सुरक्षित है। वैक्सीन का कार्य हमारे शरीर में एण्टीबॉडी का निर्माण करना है। जो इस वायरस से लड़ने में मदद करता है। और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।


आइये अब जानते है कि इस महामारी ने हमें क्या-क्या सिखा दिया।

(1)- चूंकि ये बीमारी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने वाली है, लिहाजा इस बीमारी का पता चलते ही लोग एक दूसरे से वास्तविक सामाजिक दूरी बना लेते थे, इस महामारी की वजह से ही इंसान ने मॉस्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाना प्रारम्भ कर ही दिया।
(2)- इस वैश्विक महामारी ने लोगों को लूटने का अवसर भी प्रदान किया, जैसे लॉकडाउन के समय जब आवश्यक वस्तुओं की कमी होने लगी तो दुकानदारों द्वारा मनमाना मूल्य छीना जाने लगा। मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा मनमानी कीमत पर सेनेटाइजर, मॉस्क आदि की बिक्री की जाने लगी।
(3)- कई प्राइवेट अस्पतालों द्वारा इस महामारी को कमाई का जरिया माना गया, और मनमानी कीमतों पर इलाज भी प्रारम्भ किया गया, आज भी सरकार तथा प्रशासन द्वारा कई बार आदेश निर्गत किये गये है कि कोई भी अस्पताल इलाज में मनमानी वसूली नही करेंगा। लेकिन इसके बावजूद भी कई अस्पताल मनमानी कीमत वसूल रहें हैं।
(4)- इस दूसरी लहर में पूरे देश में मरीजों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने से ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हो गया, जिसका फायदा अस्पतालों ने भरपूर उठाया, एक-एक सिलेण्डर की कीमत सप्लायरों तथा दलालों के द्वारा 40 हजार से भी ज्यादा कीमत पर बेचे गये। उक्त के अलावा मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए भी एम्बूलेंस चालकों द्वारा निकट दूरी के भी कई-कई हजार रूपये वसूले गये। इन सभी दलालों द्वारा लोगों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाया गया। इन सभी के अलावा सरकार द्वारा जब प्राइवेट लैब को भी जब कोरोना की जांच करने हेतु कहा गया तो लैब संचालकों द्वारा जांच के नाम पर भी वसूली की जा रही है।
(5)- इस महामारी के दौर में ऐसे बहुत सारे संगठनों ने भरपूर सहयोग भी किया, जिसके कारण कई लोगों की मदद हो सकी। व्यक्तिगत रूप से भी कई लोगों ने कई व्यक्तियों की मदद की।
(6)- राज्य सरकारों द्वारा इस दिशा में कई स्तर पर बेहतरीन कार्य किया, देश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए क्रायोजेनिक टैंकर भी विदेशों से मंगवाये गये, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। 
(7)- इस महामारी ने बच्चों को स्कूल से दूर तो कर ही दिया, जिसकी वजह से वो घरों में कैद होने को मजबूर हो गये। ऑनलाइन क्लास लेते-लेते उनका मानसिक विकास नही हो पा रहा है, मोबाइल की स्क्रीन पर घंटों तक बैठने के कारण कई बच्चों में चिड़चिड़ा पन भी आ गया है। 
(8)- इसी के बीच कई लोगों ने ये भी जाना कि वीडियों कॉल करके भी डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श लिया जा सकता है, जिसके कारण कई लोग इस प्लेटफार्म से जुड़े, और घर बैठे ही डॉक्टरों से राय ली गयी।
(9)- जो लोग घर के राशन के लिए अपने घरों से बाहर जाते थे, उनके द्वारा ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से उक्त वस्तुओं को क्रय किया जाने लगा।
(10)- इन सबके बावजूद इस महामारी में फ्रंट पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों, सफाईकर्मियों आदि ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए अपने परिवार से दूरी बनाते हुए अपने कर्तव्यां का समर्पित भाव से निर्वहन किया, जो वास्तव में प्रशंसा के पात्र है। कई डॉक्टर्स, तथा पुलिस कर्मियों की कोरोना से मृत्यु हो जाने पर भी उन सभी लोगां के कार्य में किसी भी प्रकार की कमी नही आयी। जो एक बेहतरीन उदाहरण के साथ हमारे सामने मौजूद है।

अन्तिम निष्कर्ष तथा सरकार द्वारा किये जा रहे बेहतरीन उपाय।

1. भारत विश्व में चाइना के बाद जनसंख्या के मामले में दूसरे नम्बर पर आता है, जहां कि जनसंख्या 1 अरब 30 करोड़ से ऊपर है, इतनी बड़ी आबादी में यदि कोई महामारी फैलती है, तो सरकार उसके बचाव करने में असमर्थ हो जाती है, इस महामारी के कारण भारत के सभी अस्पताल भर गये, तथा दवाओं की आपूर्ति भी ठीक से नही हो पा रही थी, लेकिन सरकार द्वारा लगातार इस दिशा में कार्य किया गया, तथा लॉकडाउन में भी ढील नही दी गयी, जिसके कारण आज की तारीख में केसों की संख्या कुछ कम होने लगी है।
2. जागरूकता संदेश के माध्यम से सरकार द्वारा समय-समय पर लोगों को इस महामारी से बचाव के उपाय बताये गये, जिससे काफी लोगों ने सरकार के कोविड नियमों का पालन किया, जिससे मामलों में गिरावट आने लगी है।
3. सरकार द्वारा द्वारा कई बड़े होटलों, प्रतिष्ठानों, और इमारतों को अस्थायी अस्पतालों के रूप में परिवर्तित कर दिया जिससे लोगों को इलाज में समस्या ना हो।
4. पहले सरकार द्वारा सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा था, परन्तु दिनांक 1 मई से सरकार ने 18 वर्ष से 44 वर्ष के आयु के लोगों को टीकाकरण प्रारम्भ करने के निर्देश दे दिये गये, जिसके कारण इस आयु वर्ग के लोगों का भी टीकाकरण हो रहा है।
5. टीकाकरण होने से आज की तारीख में 21 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। और बहुत तेजी से टीकाकरण का कार्य चल रहा है। डॉक्टरों, स्वास्थ्य मंत्रालय तथा राज्य सरकारों द्वारा जोर देकर टीकाकरण करवाने हेतु कहा जा रहा है, क्योंकि टीकाकरण के माध्यम से ही इस महामारी से निपटा जा सकता है।
6. सरकार तथा डॉक्टरों का यही कहना है कि यदि आपको हल्के लक्षण है तो आप अपने घर पर ही आइसोलेशन हो जाये, और सरकार द्वारा कोविड नियमों का पालन करें, हमेशा मॉस्क पहनकर रखे, तथा ऐसे कमरे में रहें, जहां पर खिड़की मौजूद रहे, जिसमें क्रास वेन्टीलेशन की सुविधा भी मौजूद हो।
7. घर पर आइसोलेशन में रहने के दौरान दोनों समय भॉप ले, गरारा करें, आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बताये आर्युवेदिक आयुष काढे़ का भी प्रयोग करें, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहेगी।
8. हाथों को समय-समय पर साबुन से धोते रहे, तथा सेनेटाइजर का प्रयोग जरूर करते रहे, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जाने से बचे। वैवाहिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक समारोह तथा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, सामाजिक दूरी का पालन जरूर करें।
9. भारत सरकार ने तथा हॉल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान अपने परिवार से बिछड़ चुके बच्चों को पीएम केयर्स फण्ड से आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी 4000 प्रत्येक माह देने की घोषणा की गयी है।
10. भारत सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु इसके बावजूद कहीं ना कहीं कमियां परिलक्षित हो जाती है, इसके लिए जरूरी है कि अनावश्यक रूप से हमें संक्रमित होने से बचना है, और सरकार के प्रोटोकॉल का पालन करना है।

सरकार टीकाकरण हेतु कहा है हमें टीके की दोनों डोज लेनी है, जिससे हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी बन सके, और हम सभी इन महामारियां से बच सकें। और एक न एक दिन इस बीमारी पर हम सभी विजय जरूर प्राप्त कर लेगें।

























 


 



































 


26/5/21

Yaas caused havoc after Tauktae, ताउते के बाद यास ने मचाई तबाही, Kaise aaya yaas aur Kaha se aaya ye Tufan, Yaas caused havoc after Tauktae,

ताउते के बाद यास ने मचाई तबाही।

अभी हाल ही आये ताउते तूफान से हम सभी उबर भी नही पाये थे कि ’’यास’’ तूफान ने तबाही मचा दी। उड़ीसा के बालासोर में आयी 140 किलोमीटर प्रति घण्टे की तबाही की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है। समय रहते करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों को दूसरी जगह पर स्थापित किया गया है।

ताउते के बाद यास ने मचाई तबाही,  Kaise aaya yaas aur Kaha se aaya ye Tufan, Yaas caused havoc after Toute,

image credit:: NDTV twitter

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में दोपहर में 3.8 तीव्रता का तूफान रिकार्ड किया गया। उसके बाद यास तूफान ने यहां पर अपनी दस्तक दे दी। यास तूफान 140 किलोमीटर रफ्तार के साथ यहां पर पहुंचा जिससे कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये।

इस तूफान के कारण कई जिलों में चेतावनी जारी करनी पड़ी है, जिससे प्रशासन को किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न होने पाये।

उड़ीसा के चांदीपुर तथा बालासोर जिलें में तथा पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिलों में तूफान सबसे ज्यादा प्रभावी रहा है, जिससे कई होटलों, घरों, प्रतिष्ठानों में पानी भर गया है। इसके पहले उड़ीसा के कई इलाकों में भारी हवाओं ने काफी तबाही मचा दी।

इसके अलावा इन हवाओं की वजह से कई जगहों पर वृक्ष इत्यादि आदि धराशायी हो गयें। यास तूफान के आने से पहले उड़ीसा के कई इलाकों में अत्यधिक तेज हवाएं चली, और कई जगहों पर भारी बारिश भी हुयी। इन हवाओं और बारिश के कारण भी कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा था। 

पश्चिम बंगाल के दीघा से टकराने के बाद इस तूफान ने काफी तबाही मचा दी, समुद्र में कई मीटर ऊंची-ऊंची लहरें उठने के कारण बहुत तेजी से समुद्र के पानी का बस्तियों और समुंद्र के किनारे रहने वाले लोगों के घरों जा घुसा। 


तूफान अलर्ट के बाद कोलकाता एयरपोर्ट को एहतियात के तौर प्रातः 8.30 बजे से सायं 7ः45 बजे तक के लिए बन्द करने का फैसला लिया गया है।

तूफान से निपटने के लिए एन.डी.आर.एफ की टीमें भी लगा दी गयी है, जो राहत और बचाव कार्यों में लगातार लगी हुई है, इन सबके अलावा उक्त टीम द्वारा कई लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सेना ने भी अपने पोत भारतीय सागर में उतार दिये है, सेना के जवान भी बचाव कार्यो में लगी हुई है।

आपको बता दे कि एन.डी.आर.एफ की टीम किसी भी प्राकृतिक आपदा यथा, भूकम्प, बाढ़, आंधी, तूफान इत्यादि से निपटने के लिए हमेशा तैयार में रहती है, देश में कहीं पर भी यदि ऐसी आपदा, तूफान, भूकम्प आते है तो हमारी एन.डी.आर.एफ की टीम अपने लाव लश्कर के साथ रेस्क्यू करने जाती है। इनकी टीम में अत्यधिक प्रशिक्षित, और बेहतरीन जवानों की टीम मौजूद रहती है, जो किसी भी प्रकार की स्थिति अथवा आपदा से निपटने के लिए तैयार रहती है।

पश्चिम बंगाल के उदयपुर इलाके के पास जो इलाका समुद्र के किनारे से सटा था, वहां पर भी छोटी-बड़ी दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार उड़ीसा के भद्रक इलाके में भी तूफान से टकराकर काफी नुकसान पहुंचा है।

उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के कई जगहों पर सड़क पर ही बड़े पेड़ गिर जाने के कारण पूरा-पूरा रास्ता भी बन्द हो गया, सबसे ज्यादा तटीय इलाकों को ही हुआ है, उक्त के अलावा तटीय इलाकों में मछुआरों की नावें भी पलट गयी, जिससे काफी नुकसान हुआ।

पारादीप, बालासोर, भद्रक, और उन सभी जगहों पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, एन.डी.आर.एफ की टीम लगातार बचाव कार्यो में लगी हुई है।

आइये जानते है कि सबसे ज्यादा कहां नुकसान हुआ।

  • यास तूफान की वजह से उड़ीसा के पुरी, बालोसोर, कटक, भद्रक, मयूरभंज, खुर्दा, धामरा  आदि इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
  • पश्चिम बंगाल में इस तूफान की वजह से कोलकाता, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, हुगली, मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना में काफी ज्यादा नुकसान होने की बात कही गयी है।


यास तूफान की वजह से झारखण्ड, बिहार में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है, तथा वहां के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो भी रही है।

इस तू्फान की वजह से उन प्रभावित लोगों के लिए नौसेना ने राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी किया है। 






24/5/21

आज भारत में लांच हो गया वनप्लस का बेहतरीन टीवी जानिये इसके बारे में, OnePlus's 40 inch TV launched in India today, know about it

अंततः वनप्लस ने अपना मोस्ट अवेटेड एल.ई.डी. टीवी लांच कर ही दिया। जिसे कम्पनी ने 23999 में लांच किया है। अभी फिलहाल ये वनप्लस की वेबसाइट पर ही लिस्टेड है। बहुत जल्दी ये अमेजन पर बिक्री के लिए उपलब्ध हो जायेगा।

image credit:: oneplus website

एल.ई.डी. टीवी के शौकीनों के लिए ये खबर आराम देने वाली है कि वनप्लस ने मिडरेंज में 40 इंच का टीवी लांच करने की घोषणा की है। इस टीवी को वनप्लस द्वारा इस टीवी को लांच किये जाने से पहले दो मॉडल और निकाले गये थे, जो क्रमशः 32 इंच और 43 इंच के थे। कंपनी द्वारा बताया गया है कि ये टीवी इन दोनों टीवी के बीच की सीरीज है। जिसका मॉडल नम्बरः 40Y1 है। उक्त मॉडल के नाम से इस टीवी की साइज का पता चल रहा है कि ये 40 इंच का है।


वनप्लस की वेबसाइट पर उक्त मॉडल का टीजर भी जारी किया गया है, जिसको देखने पर ये काफी बेहतर प्रतीत होता है। आफिशियल वेबसाइट के अनुसार इसके स्पेशिफिकेशन के बारे में भी जान लीजिए।

1- वनप्लस का ये मॉडल 64 बिट प्रोसेसर के साथ में आता है जो एंड्रायड के 9.0 का ऑक्सीजन प्ले ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट करता है। जो बेहतरीन स्ट्रीमिंग के लिए अनुकूल होगा जिसकी मदद से आप इसमें यूट्यूब, नेटफ्लिक्स, गूगल असिंसटेंट आदि बेहतरीन फीचर देखने को मिलेगें।

2- एंड्रांयड ऑपरेटिंग सिस्टम होने के कारण इस टीवी में आप आसानी से गूगल प्ले स्टोर से बेहतरीन एप्लीकेशन डाउनलोड करके उनका आनंद ले सकते है। इसमें यूजर को वो सभी इंटरफेस देखने को मिलेगा, जो एक स्मार्टफोन में देखने को मिलता है।

3- वनप्लस कनेक्ट के माध्यम से आप आसानी से अपने स्मार्टफोन को उक्त टीवी से कनेक्ट करके अपने कंटेट को आसानी से इस टीवी में देख सकते है। 

4- टीवी बेजललेस है अर्थात् आपको बता दे कि इस टीवी  का स्क्रीन टू बॉडी रेशियो 93.8 प्रतिशत है। जो पहले वाले दोनों मॉडल से बेहतर ही है। उन दोनों मॉडलों में क्रमशः 88.5 स्क्रीन टू बॉडी रेशियो (43 इंच में) तथा 91.4 स्क्रीन टू बॉडी रेशियो (32 इंच में) थी।बेजललेस डिस्प्ले अभी तक के दोनों मॉडलों की अपेक्षा काफी अच्छा है। आपको बता दे कि इस टीवी को स्क्रीन टू बॉडी रेशियो 93.8 प्रतिशत है। जो पहले वाले दोनों मॉडल से बेहतर ही है। उन दोनों मॉडलों में क्रमशः 88.5 स्क्रीन टू बॉडी रेशियो (43 इंच में) तथा 91.4 स्क्रीन टू बॉडी रेशियो (32 इंच में) थी।

                          बेजललेस डिस्प्ले की साइज काफी बड़ी प्रतीत होगी, उक्त के अलावा स्क्रीन फुल एच0डी0 1920 गुणा 1080 पिक्सल को सपोर्ट करता है। कम्पनी कहती है कि इसमें आपको गामा का पिक्चर इंनहेंसर भी मिलेगा, जो बेहतरीन कंटेट को दिखाने का काम करता है। जिसके माध्यम से आपको ऐसा प्रतीत होगा कि आप रियल कंटेट देख रहे हैं।

5- मीडिया स्ट्रीमिंग डिवाइस के रूप में इसमें यूजर को इनबिल्ट क्रोमकॉस्ट का सपोर्ट भी मिलेगा, जिसके माध्यम से आप वाई-फाई को कनेक्ट करके यूट्यूब, इत्यादि वनप्लस की बड़ी स्क्रीन पर देख पायेगें।

6- यदि कनेक्टिविटी की बात की जाये, तो इस टीवी में आपको बिल्ट इन 20 वॉट के दो स्पीकर मिलेगें, जो डॉल्बी एटमॉस ऑडियों को सपोर्ट करते है, और डॉल्बी के बारे में कौन नही जानता, यदि आप इसका अनुभव लेगे, तो वास्तव में आपको इसमें रियल साउण्ड सुनने को मिलेगा। यदि बादलों की गड़गड़ाहट है तो आपको वास्तविक गड़गड़ाहट सुनायी पड़ेगी।

7- एक्टर्नल कनेक्टिविटी के लिए इसमें आपको दो यूएसबी पोर्ट, ईथरनेट पोर्ट, एच.डी.एम.आई. पोर्ट, वीडियो ऑप्टिकल पोर्ट आदि देखने को मिलेगा।

8- टीवी का डाइमेंशन बिना स्टैंड के  तथा वजन 5.1 किलोग्राम है बिना स्टैण्ड के। जो अपने पूर्व मॉडल 43 इंच से 600 ग्राम कम है तो 32 इंच से 1 किलो 600 ग्राम ज्यादा है। इस टीवी का पॉवर कन्जम्शन 74 वॉट है, जो कम पॉवर को कन्ज्यूम करता है।

9. उक्त के अलावा इस टीवी में एंटी एलाइजिंग, न्वाइज रिडक्शन, डायनेमिक कन्ट्रास्ट, कलर स्पेस मैपिंग भी है, जो इस टीवी को और भी बेहतर बनाता है।

10. बेहतरीन ऑक्सीजन प्ले जो उच्च गुणवत्ता की सामग्री से सुसज्जित है, जो प्रीमियम कंटेट को देखने को बेहतरीन मजा प्रदान करता है।


अब चूंकि वनप्लस ने भारतीय बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बना ली है। स्मार्टफोन के बाद वनप्लस ने टीवी उत्पादों को भी भारतीय बाजार में उतारकर अपनी ब्रांड के बीच में खलबली मचा दी है। अब देखना है कि वनप्लस का ये मॉडल ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करवा पाता है या नही, लेकिन ये बात पक्की है, कि ये मध्यम वर्ग को जरूर पसन्द आयेगा।

जाहिर सी बात है कि किसी भी उत्पाद को उतारने के बाद उसके मूल्य की चर्चा होना आम बात है, यदि उत्पाद कम दाम में बेहतरीन फीचर उपलब्ध करा दे तो ग्राहक इसकी तरफ स्वतः खीचें चले आयेगें।

अंतिम निष्कर्ष

भारतीय बाजार की यह खास बात है कि यहां पर मध्यम वर्गो की संख्या बहुतायत में है जो कम दाम पर बेहतरीन उत्पाद को लेना पसन्द करते है, अपने पूर्व मॉडल 43 इंच से 3000 कम दाम पर लांच करके कम्पनी ने ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है, अब देखना है कि ये मॉडल ग्राहकों को कितना पसन्द आता है।

 

आपको बता दे कि इससे पूर्व के दोनों मॉडलों का दाम क्रमशः 15999 (32 इंच हेतु),

 तथा

 26999 (43 इंच हेतु) है। (ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार)

40 इंच को देखते हुए कम्पनी ने इसका दाम  23999 रखा है, ग्राहक इसकी तरफ जरूर आकर्षित होगें।


ये भी जानिये।



इसे भी पढ़िये।

वनप्लस स्मार्टफोन के अलावा, एल.ई.डी. टीवी, वियरेबल डिवाइसेस, हेडफोन, वियरेबल चार्जर आदि उत्पाद बनाती है।

टीवी में वनप्लस ने कई सीरीज की टीवी भी बनाई है जैसे:  U SERIES , Q SERIES  तथा Y SERIES  की टीवी।

उसी प्रकार वनप्लस ने स्मार्टफोन फील्ड में अपनी अलग पहचान बनाई है।
वनप्लस वन मॉडल से शुरूआत करके आज वनप्लस ने वनप्लस 9, One plus 9R तथा One plus 9 Pro तक बना डाले है, जिन्होनें ग्राहकों के बीच में अपनी बेहतरीन पहचान बनाई है।












22/5/21

आ गया एंटीबॉडी किट, अब आप भी कर सकते है एंटीबॉडी टेस्ट वो भी घर पर सिर्फ 75 रूपये में, D.R.D.O Launched Antibody kit only in 75 Rupees

आ गया एंटीबॉडी किट, अब आप भी कर सकते है एंटीबॉडी टेस्ट वो भी घर पर सिर्फ 75 रूपये में,  D.R.D.O Launched Antibody kit only in 75 Rupees

DIPCOVAN KIT
 

आखिरकार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कोरोना एंटीबॉडी टेस्ट किट का निर्माण कर ही दिया। जिसका कई लोग बेसब्री से इंतजार कर रहें थे।

आखिर क्या है डी.आर.डी.ओ. द्वारा तैयार किया गया एंटीबॉडी टेस्टिंग किट और ये कैसे काम करता है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करने का प्रयास करेंगे।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों/डॉक्टरों द्वारा दिन रात कड़ी मेहनत करके कोरोना एंटीबॉडी टेस्टिंग किट तैयार कर ली है, जो आम लोगों को मात्र 75 रूपये में उपलब्ध होगी।

जिसका नाम डिप्कोवैन  है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों के अनुसार यह किट मनुष्य के शरीर में सार्स-कोव-2 के वायरस और इनसे लड़ने वाली प्रोटीन न्यूक्लियों अर्थात् एस एण्ड एन दोनों को पता लगाने में सक्षम है। ये सस्ती है और डेढ़ घण्टे से भी कम समय में रिजल्ट प्रदान करती है।

अभी हाल ही दिल्ली के हॉस्पिटल्स में 1000 मरीजो पर उपयोग/परीक्षणों के पश्चात् इसे भारतीय बाजार में उतारने की अनुमति सरकार द्वारा प्रदान की गयी है।

डी.आर.डी.ओ की लैब Defence Institute of Physiology & Allied Sciences ने नई दिल्ली स्थित वैनगार्ड डायगोनॉस्टिक के साथ मिलकर इस किट को तैयार किया है। बता दे कि कई दिनों से इसका परीक्षण चल रहा था, और इस किट परीक्षण अलग-अलग अस्पतालों पर भी किया गया है। तत्पश्चात इसको मंजूरी दे दी गयी है। चूंकि ये किट किसी भी विदेशी सहयोग से नही बनाई गयी है। इसलिए ये पूरी तरह से हमारे भारत में ही निर्मित है।

पिछले माह अप्रैल में ही इस स्वदेशी किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आई.सी.एम.आर) ने अपनी मंजूरी दी है, तत्पश्चात डी.जी.सी.आई द्वारा भी इसे बेचने की अनुमति देने के पश्चात् ये संभवतः जून के प्रथम सप्ताह में बाजार में उपलब्ध हो जाये। देश के रक्षा मंत्री ने डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी इस किट की सराहना की है। लांचिग वाले दिवस पर 100 किट उपलब्ध रहेगी, जिससे 10000 लोगों की जांच होगी।

तत्पश्चात प्रत्येक माह 500 किट का उत्पादन शुरू होगा।

ये किट कोरोना महामारी के दौर में एक वरदान के रूप में साबित होगी, क्योंकि इस वक्त लोग अन्य डायग्नोस्टिक सेंटर में अपना एंटीबॉडी टेस्ट करवाते है, जिसके लिए उन्हें अधिक मूल्य भी चुकाना पड़ता है। इस किट के बाजार में उपलब्धता से प्रत्येक व्यक्ति इसे खरीदकर आसानी से अपने घर पर एंटीबॉडी टेस्ट कर सकता है। उसे किसी अस्पताल अथवा लैब में जाने की जरूरत नही है।

क्या है एंटीबॉडीः

हमारे  शरीर की अलग-अलग कार्यशैली होती है, और प्रत्येक व्यक्ति की रोगो से लड़ने की क्षमता भी अलग-अलग होती है, बीमार होने पर या किसी वायरस से ग्रसित होने पर हमारा शरीर पर्याप्त एंडीबॉडी का निर्माण करता है, जो हमें उक्त वायरस से बचाने का कार्य करता  है। एण्टीबॉडी हमारे शरीर में अपने आप विकसित होते है। जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का कार्य करते है।

उदाहरण के तौर पर भारत सरकार द्वारा कोरोना  वायरस से बचाव हेतु जो वैक्सीन लग रही है, जैसे कोवैक्सीन तथा कोविशील्ड। जिनका कार्य हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी का निर्माण करना है, जो हमें उक्त कोरोना वायरस या ऐसे ही किसी मिलते जुलते वायरस से लड़ने में मदद करता है।

वैक्सीन का कार्य अधिकतर शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण करना ही होता है। एक शिशु के पैदा होते ही उसका टीकाकरण का कार्य प्रारम्भ हो जाता है, और वही टीके उसे कई प्रकार के रोगों से बचाने का कार्य करते है।

चूंकि डी.आर.डी.ओ द्वारा निर्मित ये किट कई परीक्षणों पर खरी भी उतरी है, इसलिए सरकार द्वारा इसे मंजूरी दी गयी है, यहां पर ये बताना भी जरूरी है कि कोई भी उत्पाद बाजार में आने से पूर्व कई परीक्षणों से होकर गुजरता है, और कई मानकों पर खरा उतरने पर ही उसे मंजूरी दी जाती है।

इसके अलावा अभी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कोरोना की एंटी कोविड दवा 2डीजी भी लांच की है, जिसे सिर्फ इंमरजेंसी उपयोग हेतु विकसित किया गया है। उक्त दवा पाउडर के रूप में है, जैसा बताया जा रहा है कि ये दवा कोरोना वायरस संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी, मनुष्य का शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा, और बीमार व्यक्ति जल्दी ठीक हो सकेगा। इस दवा के बारे में भी कहा जा रहा है कि उक्त दवा भी जून के प्रथम सप्ताह से उपलब्ध हो जायेगी।

उक्त दवा सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही लेना है।


जिस प्रकार प्रायः महिलाये प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए टेस्ट किट का प्रयोग करती है, उनके द्वारा प्रातः उठते ही सबेरे का ताजे  मूत्र की कुछ बूंदे प्रेगनेसी किट में डाली जाती है, और कुछ ही समय बाद उसका रिजल्ट आ जाता है वो भी मात्र 50 रूपये में।

उसी प्रकार डी.आर.डी.ओ द्वारा विकसित ये एंटीबॉडी किट भी कारगर साबित होगी एण्टीबॉडी टेस्ट में।


आशा है कि उक्त एंटीबॉडी किट जो मात्र 75 रूपये में सभी के लिए उपलब्ध होगी, वो बहुत जल्दी बाजार में आयेगी, जिससे लोग अपना एंटीबॉडी टेस्ट स्वयं करवा पायेगे।


इन्हे भी पढ़िये 







Android 12 Release date it's feature, How to update, एंड्रायड 12 के लेटेस्ट और बेहतरीन फीचर्स जो आपको पता होना चाहिए।

एण्ड्रांयड फोन उपयोगकर्ताओं के लिए आ गया सबसे लेटेस्ट एंड्रायड वर्जन 12

क्या आप तैयार है इसका प्रयोग करने के लिए

Android 12 Release date it's feature, How to update, एंड्रायड 12 के लेटेस्ट और बेहतरीन फीचर्स जो आपको पता होना चाहिए।


गूगल ने एण्ड्रायड का अपना सबसे लेटेस्ट वर्जन 12 लांच कर दिया है, और उसके फीचर भी जारी हो चुके है, और हर स्मार्टफोन यूजर एंण्ड्रायड के इस बेहतरीन फीचर के बारे में जानना चाहता है।

इस आर्टिकल में इस विषय पर विस्तार से इस वर्जन की विशेषताओं के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

वैसे तो एंण्ड्रायड 12 के बहुत सारी विशेषताएं है, जिसकी वजह से ये फोन औरो से बिल्कुल अलग दिखता है, हम 10 उन विशेषतओं के बारे में बात करेंगें जो किसी भी स्मार्टफोन को स्मार्ट बना देता है।

1. सबसे पहले हम बात करते है, इसके क्विक टॉगल के बारे में, फोन की स्क्रीन को ऊपर से नीचे की तरफ स्वाइप करते ही हमें एक अलग तरह का ही लेआउट देखने को मिलता है, जिसके आइकन वास्तव में पहले से काफी अच्छे, और सुंदर दिखायी देते है, इसमें हम आसानी से किसी भी फीचर को इनेबल अथवा डिसेबल कर सकते है। एंड्रांयड 12 में आपको नया डिजाइन देखने को मिलता है।

2. अन्य फोन जैसे जिसमें एंड्रायड 10 अथवा 11 में हमें थीम्स को चेंज करते थे, तो उसी के अनुसार स्क्रीन हो जाया करती थी। लेकिन इस वर्जन का यू.आई इतना अच्छा है कि इसमें वॉलपेपर परिवर्तित करते ही स्क्रीन पर लगी वालपेपर के साथ-साथ फोन की हर आइकन में परिवर्तन आ जाता है, और उसी वॉलपेपर रंग के अनुसार परिवर्तित हो जाता है।

3. एंड्रायड के इस वर्जन में हमें एक्स्ट्रा डिम मोड का ऑप्शन भी देखने को मिलता है, जिसकी मदद से आप रात्रि के अंधेरे में भी यदि मोबाइल का उपयोग कर रहे है, तो एक्ट्रा डिम की मदद से ऑखों पर कोई भी विपरीत प्रभाव नही पड़ता है।



4. उक्त वर्जन में ऊपर टॉप पर हमें टागल बार में डाट्स दिखायी देते है, जिन पर क्लिक करते ही आप आसानी इस बात का पता लगा सकते है कि कौन सा एप्लीकेशन हमारे कैमरा, माइक आदि को देख रहा है, पढ़ रहा है। और हम उसे आसानी से रोक भी सकते है, जहाँ से आप आसानी से उक्त एप की परमीशन को इनेबल/डिसेबल कर सकते है, जिससे कोई भी थर्ड पार्टी एप आपकी गोपनीय जानकारियों को नही देख सकता है।

5. इस वर्जन में मौजूद सेटिंग में आइकन वास्तव में बहुत प्यारे और खूबसूरत दिखायी देते है। फोन में मौजूद वॉलपेपर को को परिवर्तित करते ही पूरे फोन को लुक ही बदल जाता है।

6. वैसे कई कम्पनियों ने अपने फोन में स्टॉक एंड्रायड का ऑप्शन दिया है, लेकिन इसमें मौजूद एंड्रायड वर्जन 12 अपने आप में बेहतरीन है, जिसमें असली स्टॉक एंड्रायड का मजा देखने को मिलता है।



7. एंड्रायड 12 वर्जन में एक और ऑप्शन गूगल के द्वारा डाली गयी है, जिसका नाम है मैटेरियल यू। जिसकी मदद से आप अपनी इच्छानुसार फोन को बेहतरीन तरीके से कस्माइज कर पायेगें। मैटेरियल यू की मदद से फोन का लुक ही परिवर्तित हो जाता है।

8. फोन की सारी विशेषताओं के बारे में बात करने के बाद यदि प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में न बात की जाये तो, जानकारी अधूरी सी लगती है। उक्त वर्जन में प्राइवेसी पॉलिसी एक ही स्थान पर आपको देखने को मिलेगा। जैसा पहले के वर्जन में सेटिंग में जाओ, फिर प्राइवेसी पॉलिसी देखने को मिलता था।, इसकी मदद से आप आसानी से यही से अपने फोन की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकते है।


प्राइवेसी पॉलिसी की मदद से आप आसानी से उन सभी एप्लीकेशन की परमीशन्स को बन्द कर सकते है, जो आपके कॉन्टेक्ट डिटेल्स को देख रहे है, या आपके कैमरे को एक्सेस कर रहे है, या फिर आप की गतिविधियों पर नजर रख रहे है।

आज हर जागरूक व्यक्ति सुरक्षा को लेकर सचेत रहना चाहता है, और नही चाहता कि कोई भी व्यक्ति हमारे ऊपर नजर रखे। ये हमारी नीजता का उल्लंघन माना जाता है। 

उक्त के अलावा एप स्टोर हो या फिर एंण्ड्रायड प्लेटफार्म हो सभी स्मार्टफोन पर बहुत सारे एप्लीकेशन हमारी गतिविधियों पर नजर रखते है, इसलिए इस लेटेस्ट वर्जन के माध्यम से हम उन सभी पर कड़ी निगरानी भी रख सकेंगे, और अपनी सुरक्षा को भी सुनिश्चित कर सकेगें।

अब देखना है कौन-कौन स्मार्टफोन कम्पनी उक्त लेटेस्ट वर्जन को अपने डिवाइसेस में अपडेट करती है।

यदि ये वर्जन हमारे हाथ में आ गया तो हम और भी स्मार्ट तरीके से अपने स्मार्टफोन को यूज कर पायेगें।


गूगल के द्वारा नया वर्जन लांच करके ग्राहकों को देने के पीछे कई कारण भी है, उक्त के अलावा नये-नये इनोवेशन्स करना, नित नई टेक्नॉलॉजी को लाना गूगल की निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।

यदि गूगल नये-नये फीचर लाता है तो उसमें ग्रहकों की मांग ही होती है। गूगल हर ग्राहकों की जरूरतों को एनालिलिस करता रहता है, उन्हीं आधारों पर गूगल नित नये अपडेट लेकर आता रहता है। और एंड्रायड 12 वर्जन उसी का बेहतरीन उदाहरण है।
आशा है सभी कम्पनियां अपने मोबाइल में ये अपडेट जल्दी से जल्दी देने का प्रयास करेंगी।






18/5/21

What is Black Fungus? what is mucormycosis, ब्लैक फंगस से कैसे बचें? म्यूकरमाइकोसिस क्या है, इसकी दस बातें

क्या है ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस 

What is Black Fungus? what is mucormycosis, ब्लैक फंगस से कैसे बचें? म्यूकरमाइकोसिस क्या है, इसकी दस बातें
इधर हाल ही में कुछ दिनों से कोरोना वायरस के साथ-साथ Mucormycosis जो एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन है कि वजह से भी कई लोग गंभीर तरीके से बीमार हो रहे हैं। ये इन्फेक्शन बहुत तेजी से शरीर में फैलता है, जो इंसान के फेफड़ों, मस्तिष्क तथा स्किन पर भी असर डालता है। और कई लोगों में इस इन्फेक्शन के कारण आंखों की रोशनी भी चली जा रही है। अगर समय पर इस इन्फेक्शन का इलाज नही किया जाता है, तो इंसान की मौत भी हो जाती है।

किन लोगों को है ज्यादा खतराः

1.डॉक्टरों का कहना है कि जो मरीज कोरोना से संक्रमित होने से पहले अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित चल रहा है, उनमें इसका खतरा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि ऐसे मरीजो पर ये बहुत तेजी से हावी होता है।



2.जो लोग डायबिटीज से ग्रसित है, अथवा गुर्दे की बीमारी से भी पीड़ित है, उन्हें भी इससे खतरा हो सकता है।



3. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर है, उन्हें ये इंन्फेक्शन बहुत तेजी से अपना शिकार बनाता है।


कई राज्यों में म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के कई मामले आ चुके है, जिसके कारण कई लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान में इस बीमारी के कई मरीज भर्ती है। जहां पर इन सभी का इलाज चल रहा है.



ब्लैंक फंगस के लक्षण


1. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लक्षण भी लगभग कोरोना से मिलते जुलते ही है, जिसमें बुखार आना, खांसी आना, सिर में दर्द होना है।


2. उक्त के अलावा सांस लेने में मरीज को तकलीफ हो सकती है, आंख और नाक के पास दर्द होना, लाल छाले अथवा फुंसी हो जाना भी इस इन्फेक्शन के लक्षण हो सकते है।



3. कुछ मरीजों में आंखों में दर्द, पेट दर्द की भी शिकायत करते हुए भी देखा गया है। अभी हाल ही में समाचार पत्रों के माध्यम से इस इन्फेक्शन के द्वारा कई लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने की खबरें भी आयी है, जो वास्तव में चिंताजनक भी है।



अब चूंकि इस तरह के मामले लगभग सभी जगह देखने को मिल रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार अपने-अपने स्तर से इस पर काम भी कर रही है। और कई राज्यों ने इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अलग से वार्ड भी बनाये है।

लक्षण दिखने पर क्या करें।



1. ऊपर बताये गये लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण यदि दिखायी देता है तो तुंरत अपने चिकित्सक से परामर्श ले तथा उनके द्वारा बताये अनुसार इलाज करवाये।


2. डॉक्टरों का कहना है कि यदि समय पर इसका इलाज प्रारम्भ कर दिया जाये, तो इस इन्फेक्शन से बचा जा सकता है।


3. ज्यादा स्टेरॉयड के इस्तेमाल कम करना, अपने डायबिटीज को नियंत्रित करना सबसे ज्यादा जरूरी है, बिना इसके इस रोग पर नियंत्रण नही पाया जा सकता है।


4. लक्षण दिखने पर डॉक्टर आपको कुछ टेस्ट के लिए कहेंगे, जिससे इस बात की पुष्टि हो जायेगी कि आप उक्त इन्फेक्शन की चपेट में है, उसी आधार पर डॉक्टर आपका इलाज प्रारम्भ करेंगें, कुछ एंटीफंगल दवाइयों, तथा एंटीफंगल थेरेपी से डॉक्टर आपका इलाज करेंगे।, डॉक्टर द्वारा बताये गये निर्देशों का पालन करते हुए अपना इलाज करवाये।



5. डॉक्टरों द्वारा बार-बार इस बात को दोहराया जाता है कि इस कोरोना वायरस अथवा इस तरह के इन्फेक्शन से बचने के लिए हमें नियमित रूप से अपने हाथों की साफ-सफाई का ध्यान देना है और मॉस्क जरूर पहनना है, इसमें थोड़ी सी भी लापरवाही हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकती है।



इन सभी के अलावा BLACK FUNGUS या MUCORMYCOSIS जैसे किसी भी लक्षण के दिखने पर इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नही करना है, और सिर्फ विशेषज्ञ डॉक्टर से ही सम्पर्क करना है,


यथाः

  • यदि आंखों की समस्या है तो नेत्र रोग विशेषज्ञ,
  • फेफड़ों की समस्या है तो चेस्ट रोग विशेषज्ञ,
  • और यदि त्वचा में कोई समस्या उत्पन्न हो रही हो तो सिर्फ त्वचा रोग विशेषज्ञ से ही सलाह ले।



सबके अलावा स्वयं डॉक्टर न बने, और किसी भी रिश्तेदार अथवा गैर विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेने से बचे। समय पर इलाज चालू हो जाने पर इस बीमारी से छुटकारा मिल जायेगा।

डॉक्टर स्टेरॉयड लेने की सलाह कई जांचोपरान्त ही देते हैए इसलिए बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी प्रकार के स्टेरायड का सेवन नही करना है 


जब तक कि डॉक्टर इस बात की पुष्टि नही कर लेते कि आपको वास्तव में स्टेरॉयड की जरूरत है।

चूंकि ये FUNGUS उन्ही लोगों पर हमला कर रहा है, जो अभी हॉल ही इस कोरोना महामारी से ग्रसित हुए है।



खासतौर से ये उन लोगों को अपना शिकार बना रहा है, जिन्हें कोरोना बीमारी के दौरान डेक्सामेथासोन जैसी अन्य स्टेरॉयड दवाईयां दी गयी हों।, जिन लोगों का डायबिटिज पर अच्छा नियंत्रण ना हो। किसी भी प्रकार के ट्रांसप्लान्टेंशन की दवा चल रही हो या कोरोना का मरीज ऑक्सीजन लेने हेतु जीवन रक्षण प्रणालियों पर रहा हो। उन्हे सबसे ज्यादा खतरा होने की संभावना है।

इसको भी पढ़िये।



1- कोरोना से बचने के वो सारे उपाय जो आप सभी को मालूम होना जरूरी है।


2- हॉल ही में देश के जाने-माने डॉक्टरों द्वारा कोरोना महामारी से बचने हेतु बेहतरीन चर्चा की थी, उसे पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें।


3- भारत सरकार द्वारा 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के नागरिकों के लिए भी टीकाकरण का प्रारम्भ कर दिया गया, रजिस्ट्रेशन के लिए यहां पर क्लिक करें। और आज ही अपना और अपने परिवार का पंजीकरण करवाये।











   




















16/5/21

Sovereign Gold Bond scheme 2021 and It's feature, सॉवरेन गोल्ड बांन्ड क्या है? कैसे खरीदे गोल्ड बॉन्ड, कहां से खरीदे

यदि आप भी आज से सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आ गया है आपके लिए सॉवरेन गोल्ड बांड जिसके लिए सरकार की तरफ से भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशा.निर्देश जारी कर दिये है।


आप भी आज जान लीजिए इसके बारे में और आज से निवेश प्रारम्भ कर दीजिए।

शुरूआत से हम सभी सोने को एक अच्छे निवेश के रूप में मानते आये है, और हमेशा से सोने में निवेश भी करते आये है। लेकिन अधिकतर लोग बाजार से सोना खरीदकर अथवा ऑनलाइन खरीदकर अपने वॉल्ट में रखते है। खासतौर से मध्यम और निम्न वर्ग फिजिकल सोने में निवेश करना पसन्द करते है।

कुछ लोग सिर्फ सोने के आभूषणों में निवेश करना पसन्द करते है, लेकिन उन्हें ये नही मालूम होता कि सोने के आभूषणो  में किया गया निवेश फायदे का सौदा नही कहलाता है।

 

भारत सरकार की तरफ प्रत्येक वर्ष खासतौर पर अक्षय तृतीया के समय GOLD BOND जारी किये जाते है, जिन्हें आप अपने किसी भी राष्ट्रीयकृत बैक, डाकघर अथवा प्राइवेट बैक में जाकर खरीद सकते है। तथा इसके अलावा डीमैट अकाउन्ट खाताधारक के लिए आनलॉइन खरीदने का भी विकल्प मौजूद रहता है।


आइये विस्तार से जानते है क्या है ये Sovereign Gold Bond

सॉवरेन गोल्ड बांड एक सरकारी बॉंड की तरह होता है, जिसका मूल्य सोने के मूल्य जो वर्तमान में चल रहा है के बराबर होता है, सरकार प्रत्येक वर्ष गोल्ड बांड जारी करके इस पर से पैसे उठाती है। तथा लोगों को सोने मे ंनिवेश करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। जिसकी बिक्री समस्त राष्ट्रीयकृत बैंको, डाकघर, सेबी आदि के माध्यम से होती है।


इधर हाल ही सोने के दामों में पुनः बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है, तथा इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार सोना 2022 में 60000 के पार जा सकता है।

सरकार ने आज सोवरेन गोल्ड बॉंड में निवेश के लिए 17 मई से बिक्री की तारीख का ऐलान भी कर दिया है, अर्थात् दिनांक 17 मई 2021 से इसकी ऑनलाइन तथा ऑफलाइन बिक्री प्रारम्भ हो जायेगी।


आइये अब जानते है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की विशेषताओं के बारे में।


1. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक परिपत्र होता है, जिसमें आप द्वारा खरीदी गयी यूनिट (प्रति ग्राम) के हिसाब से दर्ज होती है।


2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को निवेश के हिसाब बहुत बेहतरीन विकल्प माना गया है, जिसमें निवेश करके आप अच्छी धनराशि बना सकते हैं, और ये पूरी तरह से सुरक्षित होती है। जिसके चोरी हो जाने का भी कोई डर नही रहता है।


3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड प्रत्येक वर्ष भारतीय रिजर्व बैंक जारी करती है, जिसे वो सोने के वर्तमान मूल्य के हिसाब से जारी करती है।


4. सॉवरेन गोल्ड की कीमतें शुद्ध सोने के आधार पर तय होती है, अर्थात् वर्तमान में मान लीजिए सोने का भाव 4500 रूपये प्रति दस ग्राम है, तो इसी आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक भी सोने की प्रति यूनिट का भाव तय करती है।


5. सॉवरेन गोल्ड यूनिट में ही जारी किये जाते है अर्थात् 1 यूनिट, दो यूनिट, 5 यूनिट, 10 यूनिट इत्यादि। और प्रत्येक यूनिट एक ग्राम को दर्शाता है।

अर्थात् 1 यूनिट बराबर 1 ग्राम सोने के।


6. इस स्कीम में आप न्यूनतम 1 ग्राम तथा अधिकतम 4 किलोग्राम तक निवेश कर सकते है।


7. इस स्कीम में निवेश करने पर सलाना 2.50 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है। जो प्रत्येक छः माह में आपके बचत खाते में भेज दिया जाता है।


8. सॉवरेन बांड के माध्यम से आप आसानी से इस पर लोन भी ले सकते है। इसे आप अपने डीमेट अकाउन्ट में रख सकते है, जिस पर आपकों कोई जीएसटी का भुगतान भी नही करना पड़ता है।


9. उक्त बांड को आप किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, प्राइवेट बैंक, डाकघर या फिर सेबी ( सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ) के अधिकृत ब्रोकर (दलाल) एजेंट को इश्यू प्राइज का भुगतान करके भी खरीद सकते हैं।


10. आर.बी.आई द्वारा ऑनलाइन पेमेन्ट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसमें प्रति यूनिट 50 रूपये की छूट भी दी है। यदि आप ऑनलाइन इन बांड को खरीदते है तो प्रति यूनिट आपको 50 रूपये का फायदा होगा, जो काफी अच्छी बात है।


11. वैसे इसकी परिपक्वता अवधि 8 साल की होती है, लेकिन आप 5 वर्ष, 6 वर्ष, अथवा 7 वर्ष में इसमें से बाहर निकल सकते हैं।


यहां तक बात हो गयी, इसकी विशेषताओं के बारे में। अब बात करते है, कि इसमें आपको लाभ कैसे मिलेगा।


एक उदाहरण के माध्यम से इसको समझने का प्रयास करते है।


उहाहरण के लिए:


राम ने आज 4777 रूपये प्रति यूनिट या ग्राम के हिसाब से सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश किया और उसके द्वारा  20 यूनिट खरीदी गयी।

20 * 4777 = 95540 रूपये।

उसके द्वारा 95540 रूपये का निवेश किया गया।


निवेश के पश्चात् राम को अब प्रत्येक छः माह में 2.5 % के हिसाब से 1194.25 पैसे अकाउन्ट में प्राप्त होगें। जो उसे आठ वर्षों तक मिलते रहेगें कुल धनराशि उसे 19,108.00 रूपये ब्याज के रूप में प्राप्त होगी।


अब बात करते है आठ वर्ष पश्चात् उसे कितनी धनराशि प्राप्त होगी, तो यदि एक अनुमानतः हम 8 वर्ष पश्चात् सोने के भाव को न्यूनतम 8000 प्रति ग्राम मान कर चले तो यह धनराशि 160000 हो जाती है।



अर्थात् 95540 के निवेश पर राम को 19108.00 रूपये सिर्फ ब्याज प्राप्त हुये। उसके अलावा 8 वर्ष पश्चात् उसकी उक्त धनराशि 160000 हो गयी। 



अर्थात् 160000 - 95540 = 64460 (8 वर्ष पश्चात् प्राप्त धनराशि) 


64460 + 19108 = 83568

तो देखा आपने राम ने कुल 83,568.00 रूपये प्राप्त किये, जिसमें राम को मिला हुआ ब्याज तथा आठ वर्ष पश्चात् मिली हुई धनराशि का योग है।


ये सिर्फ एक उदाहरण मात्र था, कि सोने का भाव संभवतः 8000 प्रति ग्राम होगा। लेकिन जिस हिसाब से सोने का भाव बढ़ता है, उस दृष्टि से ये धनराशि और भी ज्यादा हो जायेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गयी अधिसूचना की कापी जिसमें वर्तमान यूनिट की कीमत और निर्देश दिये गये है।



आप इसे भी पढ़िये।


यदि आप चाहते है, तो मैं किसी भी धनराशि को कैल्क्यूलेट करके आपको धनराशि बता दूंगा। आप अपना प्रश्न पूछ सकते है।

निवेश के और भी उपायों के बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को भी पढ़िये।


भारतीय रिजर्व बैंक ने मई से लेकर सितम्बर तक 6 चरणों में इसकी बिक्री का समय रखा है, जों इस प्रकार है।

प्रथम सीरीज 17 मई से 21 मई तक

द्वितीय सीरीज 24 मई से 28 मई तक

तृतीय सीरीज 21 मई से 4 जून तक

चतुर्थ सीरीज 12 जुलाई से 16 जुलाई तक

पंचम सीरीज 9 अगस्त से 13 अगस्त तक

छठवी सीरीज 30 अगस्त से 3 सितम्बर तक 

इन सभी छः चरणों में  R.B.I  इन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री करेंगी।