Essay on corona
कोरोना पर निबन्ध।
कोरोना एक ऐसी महामारी जिसका नाम सुनकर संभवतः अब हर व्यक्ति घबरा जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस बीमारी ने हमें क्या सिखा दिया? नही तो जानिये ऐसा क्या सीखा हम सभी ने इस बीमारी के माध्यम से कि आज पूरा संसार इस बीमारी से बचने के वो सारे उपाय करने में लगा हुआ है, जो आज से पहले कभी नही हुयी।
2020 में जब ये महामारी आयी तो किसी ने भी नही सोचा था कि ये महामारी 2021 में पूरे विश्व में तबाही मचा देगी। और आज स्थिति ऐसी है कि इससे बचने को हर एक उपाय प्रत्येक व्यक्ति तलाशने में लगा हुआ है।
यह एक ऐसी महामारी है, जिस पर विस्तार से चर्चा करना अति आवश्यक है, इस विस्तृत निबन्ध के माध्यम से इस वैश्विक महामारी पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।
क्या है कोरोना बीमारी और कहां से पैदा हुयी महामारीः-कहा जाता है कि सबसे पहला मामला दिसम्बर 2019 में वुहान शहर जिसे हुबेई प्रांत का सबसे बड़ा शहर कहा जाता है, तथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला शहर भी कहा जाता है जो मध्य चाइना में है, से इस बीमारी की उत्पत्ति हुई, और संभवतः दिसम्बर, 2019 में ही भारत के केरल राज्य में इस बीमारी का पहला मामला देखने को आया था। और वहीं से ये अन्य राज्यों में फैलता चला गया।
जब इस महामारी के कुछ मामले अन्य राज्यों में बढ़ने लगे तब भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा पूरे देश में फेज 1 लॉकडॉउन (25 मार्च, 2020 से 14 अप्रैल, 2020 तक) लगाया गया, चूंकि देश में इस महामारी के मामले बढ़ने लगे थे, इसलिए लॉकडॉउन की निरन्तरता को बनाये रखने के लिए पुनः 15 अप्रैल से 3 मई 2020 तक, तत्पश्चात् 3 मई, 2020 से 17 मई, 2020 तक तथा 18 मई, 2020 से 31 मई, 2020 तक के लिए लॉकडॉउन को बढ़ाना पड़ा। इस दौरान पूरे देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन था, सिर्फ अत्यधिक महत्वपूर्ण सेवाओं जैसे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग आदि को ही सरकार द्वारा अनुमति दी गयी थी। तथा खाद्य पूर्ति के लिए या तो समय निर्धारित कर दिया गया था, या तो इनकी आपूर्ति घरों पर ही की जाने लगी थी।
चूंकि लॉकडाउन के कारण मामलों में काफी कमी आने लगी थी, तथा मामले कुछ कम होते देख, तथा लोगों के मध्य रोजी, रोटी को लेकर होने वाली समस्या को देखते हुए सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया को प्रारम्भ कर दिया।
देश में कब-कब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई।
- अनलॉक प्रथम 1जून - 30जून, 2020 तक
- अनलॉक द्वितीय 1 जुलाई - 30 जुलाई, 2020 तक
- अनलॉक तृतीय 1 अगस्त - 30 अगस्त, 2020 तक
- अनलॉक चतुर्थ 1 सितम्बर - 30 सितम्बर, 2020 तक
- अनलॉक पंचम 1 अक्टूबर - 31 अक्टूबर, 2020 तक
- अनलॉक छठा 1 नवम्बर - 30 नवम्बर, 2020 तक
इन सभी अनलॉक की प्रक्रियाओं में समय-समय पर सभी आवश्यक गतिविधियों की स्वीकृतियां प्रदान की गयी। जैसेंः 8 जून से सरकार द्वारा सभी माल्स, धार्मिक स्थान, रेस्टोरेन्ट, होटल्स को पुनः खोले जाने की अनुमतियां प्रदान की गयी, इस दरम्यान स्कूलों को पूरी तरह से बन्द करने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया। तथा अगस्त, 2020 तक सभी मल्टीप्लेक्स, मनोरंजन के पार्क, जिम, स्वीमिंग पूल आदि को बन्द करने का ही फैसला लिया गया।
पूरे देश में लॉकडाउन होते ही अन्य राज्यों में कार्य करने वाले मजदूरों के ऊपर खाने पीने का संकट उत्पन्न हो गया। क्योंकि फेज 1 के लॉकडाउन में ही कई मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया था, जिसके कारण कई मजदूर अन्य राज्यों से अपने घरों के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये, बहुत बड़ी संख्या में इन लोगों के पलायन से सरकार को भी काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। वाहनों के न चलने के कारण कई मजदूर, कारीगर कई दिनों तक पैदल चलकर अपने घरों को पहुंचे। स्थिति भयावह होते देख सरकार द्वारा कई मजदूरों को बसों, रेलगाड़ियों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।
इस कार्य में बहुत सारे सामाजिक संगठनों द्वारा तथा व्यक्तिगत रूप से भी कई लोगों के द्वारा मजदूरों के खाने-पीने से लेकर उनके आवागमन का भी ध्यान दिया गया। और लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम भी किया गया।
आर्थिक गतिविधियों को तेजी देने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर अनलॉक में ढील दी गयी, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियां तेज गयी। कई लोग इस दौरान बेरोजगार भी हो गये, तो कई लोगों को कम्पनियों द्वारा भुगतान भी नही किया गया।
कितने देश इस महामारी से प्रभावित हुये।
ये महामारी ऐसी थी कि जिससे कोई भी देश अछूता नही रहा। अर्थात् सभी देश इस महामारी से पीड़ित हुए। 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इसने तबाही मचा दी, उस वक्त अमेरिका में ट्रम्प की सरकार थी।
अब 2021 में इसने सबसे ज्यादा हमारे देश को नुकसान पहुंचाया, जिसके कारण कई लोग अकाल ही काल के गाल में समा गये। अभी भी कई देश इस महामारी से जूझ रहे हैं। जिनमें भारत देश सबसे ऊपर आ चुका है। इस द्वितीय लहर के कारण भारत में इस महामारी ने बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
वैसे तो कई देश ऐसे है जो वर्तमान में भी इस महामारी से जूझ रहे हैं, जहां अभी भी लाखों में एक्टिव केसेज मौजूद है। और हर देश अपने स्तर से इस पर काबू पाने का प्रयास कर रहे है। यहां पर उन दस देशों की सूची है, जहां पर अभी भी लाखों की तादाद में टोटल केसेज है।
1.संयुक्त राज्य अमेरिकाः 34,022,764
2.भारतः 27,729,247
3.ब्राजीलः 16,392,657
4.फ्रांसः 5,646,897
5.तुर्कीः 5,228,322
6.रशियाः 5,053,748
7.यूनाइटेड किंगडमः 4,477,705
8.इटलीः 4,209,707
9.अर्जेंटीनाः 3,702,422
10.जर्मनीः 36,80,159
- अमेरिका- 608,961
- भारत- 322,512
- ब्राजील- 459,171
- फ्रांस- 109,290
- तुर्की- 47,134
- रूस- 120,807
- यू.के.- 127,768
- इटली- 125,919
- अर्जेंटीना- 76,693
- जर्मनी- 88,884
- माइक्रोनेशियाः 1
- समोआः 3
- वेटिकन सिटीः 27
- मकाऊः 51
- अंगीलाः 109
- न्यू केलीडोनियाः 128
- ग्रेनाडाः 161
- डोमिनिकाः 188
- सोलोमन आइसलैंडः 20
- वेस्टर्न सहाराः 10