DIPCOVAN KIT
आखिरकार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कोरोना एंटीबॉडी टेस्ट किट का निर्माण कर ही दिया। जिसका कई लोग बेसब्री से इंतजार कर रहें थे।
आखिर क्या है डी.आर.डी.ओ. द्वारा तैयार किया गया एंटीबॉडी टेस्टिंग किट और ये कैसे काम करता है। इस लेख में हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करने का प्रयास करेंगे।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों/डॉक्टरों द्वारा दिन रात कड़ी मेहनत करके कोरोना एंटीबॉडी टेस्टिंग किट तैयार कर ली है, जो आम लोगों को मात्र 75 रूपये में उपलब्ध होगी।
जिसका नाम डिप्कोवैन है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वैज्ञानिकों के अनुसार यह किट मनुष्य के शरीर में सार्स-कोव-2 के वायरस और इनसे लड़ने वाली प्रोटीन न्यूक्लियों अर्थात् एस एण्ड एन दोनों को पता लगाने में सक्षम है। ये सस्ती है और डेढ़ घण्टे से भी कम समय में रिजल्ट प्रदान करती है।
अभी हाल ही दिल्ली के हॉस्पिटल्स में 1000 मरीजो पर उपयोग/परीक्षणों के पश्चात् इसे भारतीय बाजार में उतारने की अनुमति सरकार द्वारा प्रदान की गयी है।
डी.आर.डी.ओ की लैब Defence Institute of Physiology & Allied Sciences ने नई दिल्ली स्थित वैनगार्ड डायगोनॉस्टिक के साथ मिलकर इस किट को तैयार किया है। बता दे कि कई दिनों से इसका परीक्षण चल रहा था, और इस किट परीक्षण अलग-अलग अस्पतालों पर भी किया गया है। तत्पश्चात इसको मंजूरी दे दी गयी है। चूंकि ये किट किसी भी विदेशी सहयोग से नही बनाई गयी है। इसलिए ये पूरी तरह से हमारे भारत में ही निर्मित है।
पिछले माह अप्रैल में ही इस स्वदेशी किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आई.सी.एम.आर) ने अपनी मंजूरी दी है, तत्पश्चात डी.जी.सी.आई द्वारा भी इसे बेचने की अनुमति देने के पश्चात् ये संभवतः जून के प्रथम सप्ताह में बाजार में उपलब्ध हो जाये। देश के रक्षा मंत्री ने डी.आर.डी.ओ. के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी इस किट की सराहना की है। लांचिग वाले दिवस पर 100 किट उपलब्ध रहेगी, जिससे 10000 लोगों की जांच होगी।
तत्पश्चात प्रत्येक माह 500 किट का उत्पादन शुरू होगा।
ये किट कोरोना महामारी के दौर में एक वरदान के रूप में साबित होगी, क्योंकि इस वक्त लोग अन्य डायग्नोस्टिक सेंटर में अपना एंटीबॉडी टेस्ट करवाते है, जिसके लिए उन्हें अधिक मूल्य भी चुकाना पड़ता है। इस किट के बाजार में उपलब्धता से प्रत्येक व्यक्ति इसे खरीदकर आसानी से अपने घर पर एंटीबॉडी टेस्ट कर सकता है। उसे किसी अस्पताल अथवा लैब में जाने की जरूरत नही है।
क्या है एंटीबॉडीः
हमारे शरीर की अलग-अलग कार्यशैली होती है, और प्रत्येक व्यक्ति की रोगो से लड़ने की क्षमता भी अलग-अलग होती है, बीमार होने पर या किसी वायरस से ग्रसित होने पर हमारा शरीर पर्याप्त एंडीबॉडी का निर्माण करता है, जो हमें उक्त वायरस से बचाने का कार्य करता है। एण्टीबॉडी हमारे शरीर में अपने आप विकसित होते है। जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने का कार्य करते है।
उदाहरण के तौर पर भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव हेतु जो वैक्सीन लग रही है, जैसे कोवैक्सीन तथा कोविशील्ड। जिनका कार्य हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी का निर्माण करना है, जो हमें उक्त कोरोना वायरस या ऐसे ही किसी मिलते जुलते वायरस से लड़ने में मदद करता है।
वैक्सीन का कार्य अधिकतर शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण करना ही होता है। एक शिशु के पैदा होते ही उसका टीकाकरण का कार्य प्रारम्भ हो जाता है, और वही टीके उसे कई प्रकार के रोगों से बचाने का कार्य करते है।
चूंकि डी.आर.डी.ओ द्वारा निर्मित ये किट कई परीक्षणों पर खरी भी उतरी है, इसलिए सरकार द्वारा इसे मंजूरी दी गयी है, यहां पर ये बताना भी जरूरी है कि कोई भी उत्पाद बाजार में आने से पूर्व कई परीक्षणों से होकर गुजरता है, और कई मानकों पर खरा उतरने पर ही उसे मंजूरी दी जाती है।
इसके अलावा अभी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने कोरोना की एंटी कोविड दवा 2डीजी भी लांच की है, जिसे सिर्फ इंमरजेंसी उपयोग हेतु विकसित किया गया है। उक्त दवा पाउडर के रूप में है, जैसा बताया जा रहा है कि ये दवा कोरोना वायरस संक्रमित कोशिकाओं पर सीधा काम करेगी, मनुष्य का शरीर का इम्यून सिस्टम काम करेगा, और बीमार व्यक्ति जल्दी ठीक हो सकेगा। इस दवा के बारे में भी कहा जा रहा है कि उक्त दवा भी जून के प्रथम सप्ताह से उपलब्ध हो जायेगी।
उक्त दवा सिर्फ डॉक्टर्स की सलाह पर ही लेना है।
जिस प्रकार प्रायः महिलाये प्रेगनेंसी टेस्ट के लिए टेस्ट किट का प्रयोग करती है, उनके द्वारा प्रातः उठते ही सबेरे का ताजे मूत्र की कुछ बूंदे प्रेगनेसी किट में डाली जाती है, और कुछ ही समय बाद उसका रिजल्ट आ जाता है वो भी मात्र 50 रूपये में।
उसी प्रकार डी.आर.डी.ओ द्वारा विकसित ये एंटीबॉडी किट भी कारगर साबित होगी एण्टीबॉडी टेस्ट में।
आशा है कि उक्त एंटीबॉडी किट जो मात्र 75 रूपये में सभी के लिए उपलब्ध होगी, वो बहुत जल्दी बाजार में आयेगी, जिससे लोग अपना एंटीबॉडी टेस्ट स्वयं करवा पायेगे।
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