ताउते के बाद यास ने मचाई तबाही।
अभी हाल ही आये ताउते तूफान से हम सभी उबर भी नही पाये थे कि ’’यास’’ तूफान ने तबाही मचा दी। उड़ीसा के बालासोर में आयी 140 किलोमीटर प्रति घण्टे की तबाही की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है। समय रहते करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों को दूसरी जगह पर स्थापित किया गया है।
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पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में दोपहर में 3.8 तीव्रता का तूफान रिकार्ड किया गया। उसके बाद यास तूफान ने यहां पर अपनी दस्तक दे दी। यास तूफान 140 किलोमीटर रफ्तार के साथ यहां पर पहुंचा जिससे कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गये।इस तूफान के कारण कई जिलों में चेतावनी जारी करनी पड़ी है, जिससे प्रशासन को किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न होने पाये।
उड़ीसा के चांदीपुर तथा बालासोर जिलें में तथा पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिलों में तूफान सबसे ज्यादा प्रभावी रहा है, जिससे कई होटलों, घरों, प्रतिष्ठानों में पानी भर गया है। इसके पहले उड़ीसा के कई इलाकों में भारी हवाओं ने काफी तबाही मचा दी।
इसके अलावा इन हवाओं की वजह से कई जगहों पर वृक्ष इत्यादि आदि धराशायी हो गयें। यास तूफान के आने से पहले उड़ीसा के कई इलाकों में अत्यधिक तेज हवाएं चली, और कई जगहों पर भारी बारिश भी हुयी। इन हवाओं और बारिश के कारण भी कई प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा था।
पश्चिम बंगाल के दीघा से टकराने के बाद इस तूफान ने काफी तबाही मचा दी, समुद्र में कई मीटर ऊंची-ऊंची लहरें उठने के कारण बहुत तेजी से समुद्र के पानी का बस्तियों और समुंद्र के किनारे रहने वाले लोगों के घरों जा घुसा।
तूफान अलर्ट के बाद कोलकाता एयरपोर्ट को एहतियात के तौर प्रातः 8.30 बजे से सायं 7ः45 बजे तक के लिए बन्द करने का फैसला लिया गया है।
तूफान से निपटने के लिए एन.डी.आर.एफ की टीमें भी लगा दी गयी है, जो राहत और बचाव कार्यों में लगातार लगी हुई है, इन सबके अलावा उक्त टीम द्वारा कई लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सेना ने भी अपने पोत भारतीय सागर में उतार दिये है, सेना के जवान भी बचाव कार्यो में लगी हुई है।
आपको बता दे कि एन.डी.आर.एफ की टीम किसी भी प्राकृतिक आपदा यथा, भूकम्प, बाढ़, आंधी, तूफान इत्यादि से निपटने के लिए हमेशा तैयार में रहती है, देश में कहीं पर भी यदि ऐसी आपदा, तूफान, भूकम्प आते है तो हमारी एन.डी.आर.एफ की टीम अपने लाव लश्कर के साथ रेस्क्यू करने जाती है। इनकी टीम में अत्यधिक प्रशिक्षित, और बेहतरीन जवानों की टीम मौजूद रहती है, जो किसी भी प्रकार की स्थिति अथवा आपदा से निपटने के लिए तैयार रहती है।
पश्चिम बंगाल के उदयपुर इलाके के पास जो इलाका समुद्र के किनारे से सटा था, वहां पर भी छोटी-बड़ी दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार उड़ीसा के भद्रक इलाके में भी तूफान से टकराकर काफी नुकसान पहुंचा है।
उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के कई जगहों पर सड़क पर ही बड़े पेड़ गिर जाने के कारण पूरा-पूरा रास्ता भी बन्द हो गया, सबसे ज्यादा तटीय इलाकों को ही हुआ है, उक्त के अलावा तटीय इलाकों में मछुआरों की नावें भी पलट गयी, जिससे काफी नुकसान हुआ।
पारादीप, बालासोर, भद्रक, और उन सभी जगहों पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है, एन.डी.आर.एफ की टीम लगातार बचाव कार्यो में लगी हुई है।
आइये जानते है कि सबसे ज्यादा कहां नुकसान हुआ।
- यास तूफान की वजह से उड़ीसा के पुरी, बालोसोर, कटक, भद्रक, मयूरभंज, खुर्दा, धामरा आदि इलाकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
- पश्चिम बंगाल में इस तूफान की वजह से कोलकाता, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना, हुगली, मेदिनीपुर, उत्तर 24 परगना में काफी ज्यादा नुकसान होने की बात कही गयी है।
इस तू्फान की वजह से उन प्रभावित लोगों के लिए नौसेना ने राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भी किया है।