आखिर क्या है स्क्रैपेज पॉलिसी? और ये कैसे काम करेंगी।
What is scrappage policy? And how will they work?
आईये पहले आप स्क्रैप के बारे में जान लीजिएः
हमने कई बार इंटरनेट पर वाहनों को कुछ ही मिनटों में स्क्रैप (छोटे-छोटे हिस्सों में क्षतिग्रस्त करने ) वाले वीडियों अवश्य देखे होगें। जिनमें वाहनों को कई हिस्सों में क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है। इसी प्रक्रिया को ही स्क्रैपिंग (Scrapping) कहा जाता है।
अभी हाल ही में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी
ने कहा कि इस स्क्रैपेज पॉलिसी से गाड़ियों की बिक्रियों 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। वही दूसरी तरफ इसकी लागत
में 30-35 प्रतिशत की कमी आयेगी अर्थात् लागत मूल्य (Manufacturing Cost) बहुत कम हो जायेगी। और लागत कम होने से लोग वाहनों को आसानी
से खरीद भी सकेगें।
इस पॉलिसी को लागू करने के लिए देश में लगभग 1 करोड़ से भी ज्यादा वाहनों को Scrap करना पड़ेगा। स्क्रैप
करने के बाद नये वाहनों की भी जरूरत पड़ेगी और मांग में अच्छी-खासी उछाल भी आने की
संभावना रहेगी। नई गाड़ियों की बिक्री से सरकार को जी.एस.टी (GST) के रूप में कई हजार
करोड़ रूपये तक का राजस्व (Revenue) मिल सकता है।
आपको बता दें कि दुनिया के कुछ विकसित देशों में Scrapping policy चल भी रही है, जहां पर लोग अपने पुराने वाहनों Old Vehicle को स्क्रैपिंग सेंटर में देकर क्षतिग्रस्त
करवा देते हैं, और वहां की सरकारें लोगों को नये वाहन क्रय
करते समय टैक्स में छूट भी प्रदान करती है.
क्या भारत में स्क्रैपिंग पॉलिसी से लाभ होगाः?
Will the scrapping policy in India benefit:?
चूंकि विदेशों में यह प्रक्रिया आसान है, वही दूसरी ओर भारत में क्या स्क्रैंपिंग सफल हो पायेगी, इसके जवाब में यही कहा जायेगा, कि इस दिशा में भारत सरकार काम करने जा रही है।
अभी हॉल ही देश के सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने इस बारे में बताया कि हमारे देश में गाड़ी निर्माण में प्रयोग होने वाली मुख्य धातु एल्युमीनियम और कॉपर का कम उत्पादन होता है, जिसके लिए हमें उक्त उत्पादों को दूसरे देशों से मंगवाना पड़ता है, लेकिन स्क्रैप पॉलिसी लागू करने के बाद उक्त समस्या से छुटकारा मिल सकेगा, और हमें पुराने वाहनों से ही उक्त उत्पाद मिल जायेगें, जिन्हें पुनः रिसाइकिल/परिष्कृत करने के बाद प्रयोग में लाया जा सकेगा।
क्या भारत में लोग स्क्रैपिंग को पसन्द करेंगें?
Will people in India like scraping?
भारत एक विशाल देश है, इसकी विशालता के साथ-साथ यहां पर वाहनों की भी बहुत ज्यादा संख्या है, और भारत में तीन वर्गों के लोग रहते हैं
उच्च वर्ग (Higher Class)
मध्यम वर्ग (Middle Class)
निम्न वर्ग (Lower Class)
- यहां पर उच्च वर्ग Higher class के लोग करोड़पति वर्ग की श्रेणी में ही आते हैं, जो अपनी बेहतरीन जीवन शैली जीना पसन्द करते हैं, और हर छः माह अथवा साल भर के अन्दर अपने चार पहिया वाहन को बेचकर वाहन खरीदना पसन्द करते हैं, उनके लिए ये स्क्रैप पॉलिसी बेहतर साबित हो सकती है।
- मध्यम वर्ग Middle Class में वो तबका आता है, जो सेकेण्ड हैंण्ड, थर्ड हैंण्ड गाड़ियों को खरीदना पसन्द करता है, उनके लिए स्क्रैप पॉलिसी तभी लाभकारी साबित हो सकती है जब सरकार स्क्रैप करवाने पर अच्छी धनराशि प्रदान करें, या नये वाहन को खरीदने पर टैक्स में Relaxation (छूट) प्रदान करे।
- निम्न वर्ग Lower Class के लोग उन श्रेणियों में आते हैं, जो सिर्फ अपने कमाने और खाने के बारे में ही सोचते हैं।