Sovereign Gold Bond गोल्ड बांड एक ऐसा निवेश है जिसमें निवेश करके आप अच्छी खासी धनराशि को इकट्ठा कर सकते हैं, भारतीय परिवेश में यदि हम देखते हैं तो लोग सोने में निवेश करना पसन्द करते हैं परन्तु वो सोने के जेवरात या Gold coin अथवा बिस्किट खरीदकर उसमें निवेश करना पसन्द करते हैं। खासतौर से धनतेरस, अक्षय तृतीया अथवा अन्य धार्मिक त्यौहारों के समय भारतीय सोना खरीदना शुभ मानते हैं और वो खरीदते भी है।
सॉवरेन गोल्ड बांड जारी करने का सरकार उद्देश्य लोगों को निवेश के प्रति जागरूक करना है, इसमें निवेश करके निवेशकर्ता अच्छी खासी धनराशि भी इकट्ठा कर सकता है और अपने भविष्य के सपनों को साकार कर सकता है।
आज हम सभी गोल्ड बांड की
विशेषताओं, लाभ उसके रिटर्न और हानियों के बारे में विस्तृत तरीके से जानने का प्रयास करेगें।
- क्यों करें सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेशः
भारतीय रिजर्व बैंक प्रत्येक वर्ष या फिर किसी ऐसे शुभ मुहुर्त पर Sovereign Gold Bond जारी करता है, जिन्हें किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, डाकघर अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था से खरीदा जा सकता है। जिसे आप ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन दोनों माध्यम से खरीद सकते हैं। गोल्ड बांड एक प्रकार का प्रमाण-पत्र जैसा होता है, जो इस बात को प्रमाणित करता है कि आप द्वारा सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश किया गया है।
उक्त प्रमाण-पत्र में आप द्वारा खरीदी गयी यूनिट की संख्या, यूनिट की धनराशि, परिपक्वता की तारीख आदि का उल्लेख होता है। सॉवरेन गोल्ड बांड एक ऐसा सुरक्षित निवेश है, जिसमें निवेश करने की सलाह हमें निवेश सलाहकार भी देते हैं, क्योंकि सॉवरेन गोल्ड बांड एक बेहतरीन रिटर्न देने वाला निवेश है। इसलिए इसमें करके आप अपने भविष्य की दिशा को तय कर सकते हैं।
- कितना मिलता है रिटर्न :?
इसमें कितना रिटर्न मिलता है ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप द्वारा इसमें कितना निवेश किया गया है, और परिपक्वता पर सोने का मूल्य क्या होगा ? आपको बता दे, कि सॉवरेन गोल्ड बांड में आपके द्वारा निवेश की गयी धनराशि का 2.5 प्रतिशत ब्याज आपके बचत खाते में प्रत्येक छः माह को आता रहता है, जो पूरे 8 वर्षों तक आता रहेगा।
एक छोटे से उदाहरण Example से समझिये कि आपको कितना रिटर्न सिर्फ ब्याज से मिल जायेगा।
उदाहरण स्वरूप यदि आज की तारीख में 1 यूनिट का मूल्य 5000 है और आप इसके 100 यूनिट में निवेश करते हैं। तो आपको कितना ब्याज मिल जायेगा।
इस चार्ट के माध्यम से समझिये।
ये तो बात हुई सिर्फ ब्याज से प्राप्त होने वाली धनराशि जो आपको 8 वर्षों तक मिलती ही रहेगी।
अब बात करते हैं कि आपको परिपक्वता ( Maturity ) पर कितनी धनराशि प्राप्त होगी।
तो देखिये परिपक्वता पर उस वक्त सोने का जो भी भाव होगा, उसी भाव के अनुसार आपको यूनिटों का दाम मिलेगा।
उक्त उदाहरण में आपने देखा कि यूनिट का वर्तमान दाम 5000 प्रति यूनिट था, यदि हम 8 वर्षों बाद 1 ग्राम सोने का भाव 9000 रूपये मानकर चलते हैं। तो परिपक्वता पर आपको 9 लाख रूपये की धनराशि रूपये मिल जायेगी। बैंक आपको 8 वर्षों बाद सोने का जो भाव होगा, उसी अनुसार भुगतान करेगा।
इस प्रकार हमें 1 लाख ब्याज की धनराशि और 4 लाख की मेच्योरिटी धनराशि प्राप्त हो जाती है अर्थात् कुल 5 लाख रूपये। जो आपके निवेश का दुगना हो जाता है।
- क्या Sovereign Gold Bond में निवेश करके करोड़पति बन सकते हैं :
कई लोगों के दिमाग में यह बात भी चलती है कि क्या सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करके करोड़पति बन सकते है, तो इसका जवाब हां हैं, क्योंकि एक निवेश सलाहकार इस बात को बताता है कि यदि आप लगातार निवेश को बनाये रखते हैं तो आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं।
सिर्फ निवेश की धनराशि को बढ़ाये जाने की जरूरत है।
- इस स्कीम में न्यूनतम कितना निवेश किया जा सकता है?
भारतीय रिजर्व बैंक राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से अक्षय तृतीया या अन्य शुभ अवसर पर Sovereign Gold Bond जारी करती है, जिसे ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन खरीदने की व्यवस्था होती है, इसके अलावा इसको यदि आप ऑनलाइन खरीदते हैं तो इसमें प्रत्येक यूनिट पर आपको 50 रूपये की छूट भी प्राप्त होती है। इसमें निवेश करने के लिए आपको न्यूनतम 1 यूनिट अर्थात् 1 ग्राम सोना खरीदना ही होता है। अधिकतम सीमा 4000 ग्राम है । अर्थात् 4 किलो.
सभी लाभों और विशेषताओं के बारे में जानने के बाद इसकी कुछ हानियों के बारे में भी जान लीजिएःः
वैसे तो गोल्ड बॉण्ड में निवेश एक बहुत अच्छा विकल्प है फिर भी इसमें कुछ कमियां अवश्य है।
1. चूंकि इसमें किया गया निवेश पूरी तरह सुरक्षित है परन्तु इसमें निवेश का समय काफी लम्बा है, जिसके कारण कई लोगों को इसमें निवेश करने में परेशानी हो सकती है।
2. गोल्ड बॉण्ड में किया गया निवेश सोने के मूल्यों पर निर्भर करता है, अर्थात् आपके निवेश की परिपक्वता पर सोने का मूल्य यदि ज्यादा न हुआ तो आपको अच्छा रिटर्न नही मिल पायेगा।
3. सोने के निवेश में यदि गिरावट आयेगी तो इसमें बेहतरीन रिटर्न मिलने की संभावना नही होती है।